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खंड शिक्षा अधिकारी पदों पर विभागीय पदोन्नति मामला गरमाया, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व सलाहकार मुख्यमंत्री डॉ ० गणेश उपाध्याय ने उठायी तत्काल जांच की मांग

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उत्तराखण्ड का शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है। जिसके लिए प्रदेश के विभिन्न उप शिक्षा अधिकारी विभागीय अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। जबकि विभाग नियमों का उल्लंघन करते हुए आनन फानन में गलत तरीके से चुनिंदा उपशिक्षा अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ दिलाने में लगा हैं।

उत्तराखंड राज्य में सचिव माध्यमिक शिक्षा अनुभाग -2 उत्तराखंड शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या -25644/ 2022 दिनांक 28-3-2022 एवं अपर सचिव उत्तराखंड शासन के द्वारा निर्गत अनंतिम वरिष्ठता सूची ई फाइल संख्या/ 32853 दिनाँक 4 मई 2022 के द्वारा उप शिक्षा अधिकारियों की अनिन्तम वरिष्ठता सूची निर्गत की गई है। जिसमें उप शिक्षा अधिकारी से खंड शिक्षा अधिकारी के पदों पर विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया गतिमान है। विभाग के अधिकारी उच्च पदों पर डीपीसी ना कराकर कनिष्ठ पदों की पदोन्नति प्रक्रिया करने में जल्दबाजी कर रहे हैं। जिससे एक तरफ कई उपशिक्षा अधिकारी तो पदोन्नति से वंचित हो ही रहे हैं वहीं उप निदेशक पद पर पदोन्नति के पात्र रिटायरमेंट के करीब कुछ खण्ड शिक्षा अधिकारी भी अगले कुछ माह में ही उल्टी विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया में बिना उपनिदेशक बने रिटायर हो जायेंगे।

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शिक्षा विभाग पहले उच्च पदों पर खंड शिक्षा अधिकारियों की डीपीसी न कर आनन-फानन में उपशिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति करने जा रही है। वर्तमान में खंड शिक्षा अधिकारी के मात्र 43 पद रिक्त हैं यदि वर्तमान में जारी उक्त अंतिम वरिष्ठता सूची के अनुसार पदोन्नति प्रक्रिया संपादित की जाती है तो 14 उप शिक्षा अधिकारी वर्तमान पदोन्नति के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। जबकि यदि पहले नियमानुसार खण्ड शिक्षा अधिकारियों की उपनिदेशक पद डीपीसी हो तो पदोन्नति उपरान्त 19 अतिरिक्त पद रिक्त होने के फलस्वरूप सभी उप शिक्षा अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा।
उत्तराखंड राज्य में शिक्षा विभाग में पदों की स्थिति निम्नवत है।
पद स्वीकृत कार्यरत रिक्त
निदेशक 3 3 0
अपर निदेशक 10 8 2
संयुक्त निदेशक 23 21 2
उप निदेशक 40 21 19
खण्ड शिक्षाअधिकारी97 54 43
उप शिक्षाअधिकारी100 65 35
इस मामले में पूर्व दर्जा राज्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ०गणेश उपाध्याय ने कहा है कि उपरोक्त मामला उनके भी संज्ञान में आया है। शिक्षा विभाग के शासन स्तरीय अधिकारियों द्वारा नियमानुसार पहले वरिष्ठ पदों पर पदोन्नति करनी चाहिए तदोपरान्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों के समस्त रिक्त पदों पर एक साथ उप शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति की जानी चाहिए। पदोन्नति प्रक्रिया में नियमों के घालमेल और उल्लंघन से शिक्षा विभाग में सैटिंग गैटिंग और लीपापोती की बू आ रही है, पारदर्शिता पूर्ण कार्य करने से ही उत्तराखण्ड में शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लायी जा सकती है। यदि पदोन्नति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जायेगी तथा प्रदेश कांग्रेस संगठन पीड़ित अधिकारियों को न्याय दिलाने के लिए मामले की जांच कराने तथा प्रत्येक स्तर तक जाने के लिए तैयार है।