
पौड़ी।पौड़ी जनपद के नागदेव रेंज अंतर्गत गजल्ड गांव में पिछले कई दिनों से आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार को आखिरकार ढेर कर दिया गया। उत्तराखंड के नामी शिकारी जॉय हुकिल ने गुरुवार देर रात कई घंटों की घात और गहन खोजबीन के बाद इस गुलदार को सटीक निशाने से मार गिराया। वन विभाग ने लगातार मानव बस्तियों में घूमने और हमले की कोशिशों के बाद इस गुलदार को आदमखोर घोषित करते हुए हुकिल को अधिकृत किया था।

जानकारी के अनुसार, मारी गई मादा गुलदार की उम्र करीब पांच वर्ष बताई जा रही है। यह वही गुलदार था जिसने 4 दिसंबर को ग्रामीण राजेंद्र नौटियाल पर हमला कर उनके प्राण ले लिए थे। इसके बाद से गांव दहशत में डूबा हुआ था और क्षेत्र में शूटर तैनात कर दिए गए थे।

गुलदार के मारे जाने की खबर जैसे ही गांव में फैली, ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। लंबे समय से छाया भय अब कम हुआ है और लोग वन विभाग एवं शिकारी टीम की तत्परता से संतुष्ट दिखाई दिए।
चंदौड़ा तोक में गुलदार का हमला, महिला गंभीर रूप से घायल — एयर एंबुलेंस से एम्स रेफर
इधर, सतपुली/कोटद्वार क्षेत्र के पोखड़ा ब्लॉक अंतर्गत ग्रामसभा देवराड़ी के चंदौड़ा तोक में एक और दर्दनाक घटना सामने आई। बुधवार सुबह करीब 10:30 बजे, घास काटने गई महिलाओं के समूह पर अचानक घात लगाए बैठे गुलदार ने हमला कर दिया।
गुलदार ने कंचन देवी (36) पत्नी अर्जुन सिंह को जबड़ों में दबोच लिया। साथ मौजूद महिलाओं की चीखें सुनकर गांव के युवक अंकित और पवन मौके पर पहुंचे और बहादुरी दिखाते हुए काफी मशक्कत के बाद कंचन को गुलदार के चंगुल से छुड़ाया।
गंभीर रूप से घायल कंचन को पहले पोखड़ा स्वास्थ्य केंद्र, फिर हंस अस्पताल सतपुली ले जाया गया, जहां से उन्हें एयर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया।
घटना के बाद देवराड़ी सहित आसपास के कई गांवों में दहशत व्याप्त है। वहीं कर्णप्रयाग के स्वर्का, चमोला, नौली सहित बीस से अधिक गांवों में भालू व गुलदार की सक्रियता से लोग भयभीत हैं। कपीरी क्षेत्र के कई गांवों में पिछले दिनों गुलदार मवेशियों को भी अपना शिकार बना चुका है।
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