
देहरादून।रेलवे भर्ती बोर्ड की कंप्यूटर आधारित परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने एक अभ्यर्थी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, जिसके पास से नकल के लिए तैयार की गई पर्ची बरामद हुई। जांच में खुलासा हुआ कि इस पूरे मामले के पीछे एक संगठित गैंग सक्रिय है, जो निजी मैसेजिंग एप के जरिए प्रश्नपत्र और उत्तरों का लेन-देन कर रहा था।
4 लाख रुपये में तय हुई थी नकल की ‘डील’
गिरफ्तार अभ्यर्थी विवेक (22) पुत्र साधुराम, निवासी अचीना, चरखी दादरी (हरियाणा) ने पुलिस पूछताछ में बताया कि परीक्षा पास कराने के एवज में उसकी ‘शर्मा’ नाम के व्यक्ति से चार लाख रुपये में सौदा हुआ था। परीक्षा से ठीक पहले उसे तीन लोगों से मिलवाया गया, जिन्होंने उसके मोबाइल में एक प्राइवेट मैसेजिंग एप डाउनलोड कराया। उसी एप के माध्यम से उसे उत्तर भेजे गए, जिन्हें उसने पर्ची में लिखकर जैकेट की आस्तीन में छिपाया था।
चेकिंग में पकड़ा गया, खुली पोल
घटना का खुलासा उस समय हुआ जब परीक्षा केंद्र—आईकैट सॉल्यूशन, सहारनपुर रोड—में तैनात वेन्यू कमांडिंग ऑफिसर यशवीर निवासी श्रीकोट, पुरोला (उत्तरकाशी) को विवेक की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। तलाशी में उसके पास से नकल पर्ची बरामद हुई। इसके बाद तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
नकल गैंग के कई और सदस्य चिन्हित
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह कोई अकेला मामला नहीं, बल्कि एक संगठित नकल गिरोह लंबे समय से सक्रिय है। गैंग परीक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी विशेष मैसेजिंग एप्स के जरिए साझा कर रहा था, ताकि डिजिटल निगरानी से बचा जा सके।
पुलिस की गहन जांच जारी
पुलिस अब इस गिरोह के नेटवर्क, हरियाणा में बैठे मास्टरमाइंड ‘शर्मा’, तथा परीक्षा केंद्र के आसपास मिले तीन आरोपियों की तलाश में जुट गई है। डिजिटल साक्ष्यों, मोबाइल डेटा और मैसेजिंग एप के माध्यम से पूरे घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं।
पुलिस की मानें तो मामला बड़े स्तर पर नकल माफिया की सक्रियता की ओर संकेत करता है, जिसकी परतें खुलते ही और बड़े खुलासे संभव हैं।
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