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उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं: मुख्य सचिव उत्तराखंड

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देहरादून(उत्तराखंड):मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं, ताकि यह केंद्र उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि देश और विदेश में भी भूस्खलन न्यूनीकरण पर कार्य कर सके।

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मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश की सभी टाउनशिप की लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग ( LiDAR ) तकनीक से मैपिंग कराई जाए। अधिक संवेदनशील शहरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले  LiDAR  मैपिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि कार्य बहुत अधिक है और कम समय में किया जाना है इसलिए विश्व स्तरीय संस्थानों के साथ कोलेबोरेशन करते हुए विश्व स्तरीय तकनीक का उपयोग किया जाए।

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मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यों को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए विश्व की बेहतरीन तकनीक अपनाई जाए। इसके लिए अलग से एक सेल का गठन किया जाए जो विश्व की बेस्ट और लेटेस्ट तकनीक को तलाश लगातार करते हुए तत्काल अपनाए। उन्होंने कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में कार्य करते हुए अगले एक साल में, तीसरे साल में और 5वें साल के लिए रोडमैप तैयार किया जाए।

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इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, श्री एच. सी. सेमवाल एवं उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।