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कॉर्बेट में वन्यजीवों को देखने के लिए पार्क के नियमो को तोड़ा तो हो सकती है तीन साल की जेल,अलर्ट हुआ जारी।

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रामनगर-कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटको की जिप्सियों द्वारा जंगल मे बाघों के विचरण के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने के मामले में कॉर्बेट प्रशासन सख्त हो गया है।जिसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

सुने कॉर्बेट के निदेशक का बयान।

बात दे कि कुछ दिन पूर्व कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला ज़ोन में जंगल भ्रमण पर पर्यटको की जिप्सियों द्वारा बाघिन और उसके तीन शावकों को देखने के लिए उनके बेहद करीब चली गयी थी,और बाघ परिवार के रास्ते को दोनों और से ब्लॉक कर दिया था।किसी ने यह वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था।जिसके बाद कॉर्बेट प्रशासन ने हरकत में आते हुए कॉर्बेट पार्क के सभी जोनों जहाँ पर पर्यटको को जंगल सफारी करायी जाती है अलर्ट जारी कर दिया है।लिखित रूप में उन जोनों के रेंज अधिकारियों को लेटर के माध्यम से अलर्ट के विषय मे अवगत करा दिया है।इस बारे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि पार्क में जंगल भ्रमण करने के लिए पर्यटको,नेचर गाइडों और जिप्सी चालको के लिए नियम कानून बने है।बावजूद इसके इन नियमो को दरकिनार कर बाघों के करीब चले जाने और व्यवधान उत्पन्न करने की पार्क प्रशासन को इसकी शिकायते मिली है।जिसको लेकर पार्क के सभी जोनों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।फिर भी यदि कोई पर्यटक,नेचर गाइड या जिप्सी चालक नियमो की धज्जियाँ उड़ाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी।इस एक के तहत तीन वर्ष की सज़ा का प्रावधान है।किसी भी सूरत में कॉर्बेट में वन्यजीवों के विचरण में व्यवधान करना बर्दाश्त नही किया जायेगा।बता दे कि एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुसार जंगल भ्रमण के दौरान पर्यटको को वन्यजीवों के देखने के लिए 500मीटर की दूरी रखना अनिवार्य है।ताकि वन्यजीवों को किसी भी दिक्कतों का सामना न करना पड़े या वन्यजीव हिंसक होकर पर्यटको पर हमला न कर दे ।जिसको ध्यान में रखते हुए गाइड लाइन बनायी गयी हैं।

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