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रामनगर(उत्तराखंड):बाघ के आतंक से निजात दिलाने और बाघ के हमले मृतकों और घायलों को मुआवजे की धनराशि बढ़ाने व सुरक्षा को लेकर ग्रामीण मांग कर रहे हैं।रविवार की सुबह और शाम की दोनो पालियों में आंदोलनकारी कॉर्बेट नेशनल पार्क का झिरना और ढेला ज़ोन बंद करने पहुंचे थे।जहां मौजूद पुलिस बल ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।इस दौरान दोनो ही पालियों में पुलिस और आंदोलनकारियों में तीखी नोक झोंक और धक्का मुक्की हुई।
गौरतलब है कि रामनगर के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने एवं बाघ व गुलदारो का शिकार हो रहे ग्रामीणों को राहत देने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है।बाघ के हमले में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख तथा घायलों को 10 लाख का मुआवजा दिए जाने के साथ ही उसका पूरा इलाज सरकारी खर्च पर कराए जाने, बाघ के आतंक से निजात दिलाए जाने, वन्य जीवों के हमले से ग्रामीणों फसलों और मवेशियों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
इसी कड़ी में पहले भी ग्रामीण कॉर्बेट का झिरना ओर ढेला ज़ोन में पर्यटन गतिविधियों को ठप कर चुके है और लगातार प्रदर्शन कर रहे थे।सुनवाई ना होने पर ग्रामीणों ने 31 दिसम्बर को कॉर्बेट पार्क का प्रसिद्ध झिरना और ढेला पर्यटन जोन में पर्यटन गतिविधियों पर को ठप करके बंद करने की चेतावनी दे डाली, जिसको देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने ग्रामीणों के समक्ष वार्ता का प्रस्ताव रखा और वार्ता का समय देने के बाद कॉर्बेट निदेशक अपने कार्यालय में नही मिल सके जिस कारण वार्ता हो ना सकी जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और अपने 31 दिसंबर के झिरना ढेला ज़ोन को बंद करने की चेतावनी को जारी रखा।
आंदोलनकारी पुरुष महिलाए रविवार को विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के झिरना एवं ढेला पर्यटन जोन में पर्यटको की आवजाही को सुबह की पहली पाली में रोक दिया गया।इसके बाद पुलिस ने सुबह के समय एक दर्जन से अधिक प्रदर्शनकारियो को गिरफ्तार कर लिया था।जबकि दोपहर की पाली में फिर से इन दोनों पर्यटन जोनों में जंगल भ्रमण पर जा रहे हैं पर्यटकों को ग्रामीणों ने रोकने के लिए सड़क पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसी बीच मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल की ग्रामीणों के साथ धक्का मुक्की हो गई तथा ड्यूटी पर तैनात प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के दौरान कई पुलिस कर्मी वह प्रदर्शनकारी महिलाए धक्का मुक्की के दौरान सड़क पर गिर गए।पुलिस महिला कर्मियों और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच काफी तनातनी देखने को मिली।
पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग करते हुए पांच महिलाओं सहित तेरह मुख्य आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी कर ली। सभी आंदोलनकारियों मुनीष कुमार, ललित उप्रेती, ललिता रावत, कौशल्या चुन्याल, रोहित रूहेला, सूरज सैनी, राजेंद्र सिंह, सोबन सिंह तड़ियाल, ललित पाण्डे, तुलसी छिमवाल, सरस्वती जोशी, तुलसी जोशी आदि को गिरफ्तार कर प्रशासनिक भवन स्थित तहसील कार्यालय ले जाया गया है।
आंदोलनकारी मुनीश कुमार का कहना है कि यह तानाशाही है पुलिस प्रशासन की धामी सरकार और मोदी सरकार की,शांतिपूर्वक आंदोलन का दमन किया जा रहा है।उन्होंने के कहा कि हमारी गिरफ्तारी के बाद भी कॉर्बेट पार्क बंद जारी रहेगा।
रामनगर पुलिस कोतवाली के एस एस आई मोहम्मद यूनुस ने बताया कि सुबह के बाद दोपहर में दोबारा प्रदर्शन करने के दौरान कई ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया है तथा महिला दरोगा से बदसलूकी करने वाली महिला को भी गिरफ्तार कर उसके खिलाफ अलग से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी वहीं गिरफ्तार हुए आंदोलन से जुड़े लोगों के खिलाफ प्रशासन अलग से मुकदमा दर्ज करने में लगा हुआ है।
वही मामले में तहसीलदार कुलदीप पांडे ने बताया कि ग्रामीणों के प्रदर्शन को देखते हुए पूर्व में ही इस क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई थी लेकिन आज ग्रामीणों द्वारा इसका उल्लंघन किया गया है इसमें प्रशासन द्वारा धारा 144 का उल्लंघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी ।
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