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गहतोड़ी ने चम्पावत विधानसभा सीट से इस्तीफा देकर सीएम धामी के लिए किया रास्ता साफ।

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देहरादून।लंबी जद्दोजहद के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधायक बनने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसा चंपावत सीट से भाजपा विधायक कैलाश चंद्र गहतौडी द्वारा अपनी सीट उनके लिए खाली करने के ऐलान से संभव हुआ है। गहतौडी ने चंपावत सीट से इस्तीफा दे दिया है। यानि अब सीएम धामी चंपावत विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें यहां से जीत हर हाल में हासिल करना होगा। 6 माह बाद भी उत्तराखंड का सीएम बने रहने के लिए धामी का चंपावत सीट से उपचुनाव में जीत हासिल करना संवैधानिक रूप से जरूरी है।

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गुरुवार की सुबह होते ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण के आवास पर जाकर कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा मंजूर कर लिया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, संगठन महामंत्री अजय कुमार, विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल मौजूद रहे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि गहतोड़ी को इस त्याग की एवज में कैबिनेट मंत्री स्तर की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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सीएम पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारते ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते हुए निर्दलीय सहित कई विधायकों ने उनके उपचुनाव के लिए सीट खाली करने की पेशकश की थी। इसमें पहले नंबर पर चम्पावत विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बनने वाले कैलाश गहतौडी ही थे। ऐसे में सीएम धामी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ राय मशवरा कर चंपावत विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। 

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गहतौडी के इस्तीफा देने के बाद भाजपा की ओर से तय हो गया है कि सीएम धामी वहां से उप चुनाव लड़ेंगे। अब देखना यह है कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सीएम धामी के खिलाफ चम्पावत विधानसभा सीट से अपने परंपरागत प्रत्याशी हेमेश खर्कवाल को ही मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव में उतारेगी या फिर मुख्यमंत्री के खिलाफ चंपावत विधानसभा से कोई दूसरा दमदार प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।