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डिजिटल अरेस्ट स्कैम का भंडाफोड़: 87 लाख की ठगी में एसटीएफ ने बेंगलुरु से मुख्य आरोपी दबोचा

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देहरादून।उत्तराखंड एसटीएफ ने एक बड़े डिजिटल अरेस्ट स्कैम का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। साइबर ठगों के इस गिरोह ने देहरादून के बसंत विहार और नैनीताल के कालाढूंगी निवासी दो पीड़ितों से करीब 87 लाख रुपए की ठगी की थी।

आरोपियों ने खुद को मुंबई पुलिस अधिकारी और सीबीआई अफसर बताकर पीड़ितों को व्हाट्सएप पर वीडियो और वॉइस कॉल के जरिए करीब 48 घंटे तक “डिजिटल हाउस अरेस्ट” में रखा। इस दौरान धमकाकर उनसे विभिन्न खातों में रकम ट्रांसफर कराई गई।

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते से देशभर में 24 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं और उस खाते में अब तक 9 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन पाया गया।

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कैसे हुआ खुलासा

सितंबर 2025 में देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि अगस्त-सितंबर 2025 के दौरान कुछ लोगों ने खुद को महाराष्ट्र साइबर क्राइम विभाग और सीबीआई से बताते हुए उसे एक गंभीर मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।

पीड़ित से कहा गया कि उसके नाम पर मोबाइल नंबर लेकर करोड़ों के लेनदेन हुए हैं। सत्यापन के बहाने ठगों ने पीड़ित को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर लगातार 48 घंटे तक निगरानी में रखा और इस दौरान उससे 59 लाख रुपए अलग-अलग खातों में जमा कराए।

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बेंगलुरु में दबोचा गया मास्टरमाइंड

जांच के दौरान एसटीएफ ने बैंकों, मोबाइल सेवा प्रदाताओं और मेटा कंपनी से तकनीकी डाटा लिया। विश्लेषण में पता चला कि ठगी के पैसों में से 41 लाख रुपए “राजेश्वरी जीएके एंटरप्राइज” नाम की फर्म के खाते में ट्रांसफर हुए हैं, जिसके संचालक किरण कुमार का पता बेंगलुरु में मिला।

प्रमाण जुटाने के बाद एसटीएफ की टीम ने बेंगलुरु में छापेमारी कर आरोपी किरण कुमार को गिरफ्तार किया।

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देशभर में फैला नेटवर्क

साइबर एएसपी कुश मिश्रा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पहले से दिल्ली साइबर पुलिस स्टेशन समेत कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। गृह मंत्रालय के एनसीआरपी पोर्टल पर भी उसके खाते से जुड़े 24 से अधिक फ्रॉड मामलों की शिकायतें दर्ज हैं।

आरोपी को पूछताछ के लिए 6 दिन के ट्रांजिट रिमांड पर बेंगलुरु से देहरादून लाया जा रहा है। एसटीएफ ने संकेत दिए हैं कि इस गिरोह के तार अन्य राज्यों में भी फैले हो सकते हैं।