रामनगर।अल्मोड़ा से रामनगर आ रहे बाइक सवार युवकों पर बाइक पर बाघ ने हमला कर पीछे बैठे व्यक्ति को अपना शिकार बना डाला।इस मामले में 24 घण्टे गुज़र जाने के बाद भी शव बरामद नही हुआ है।वन विभाग द्वारा आज चलाये गये सर्च अभियान में झाड़ियों में से दो हाथ ही मिल पाये हैं।वही बाघ के हमले के बाद स्थानीय ग्रामीणों में डर और भय व्याप्त है और वन विभाग पर आक्रोश भी है, जिस कारण ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे 309 पर जाम लगा दिया।ग्रामीणों के साथ उत्तराखण्ड काँग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी ग्रामीणों के साथ धरना दिया।
गौरतलब है कि शनिवार की देर शाम अफ़सारुल और अनस उत्तराखंड के नैनीताल, अल्मोड़ा और रानीखेत घूम कर रामनगर की ओर आ रहे थे कि मोहान के समीप बाघ ने बाइक पर हमला कर दिया।पीछे बैठे अफ़सारुल को अपना निवाला बना लिया।बाइक चला रहे अनस ने बताया कि झाड़ियों से निकल कर अचानक बाघ ने हमला कर दिया और बाइक के पीछे बैठे अफ़सारुल को बाइक से खींच लिया और उसे अपने जबड़ो में दबा कर घसीटता हुआ जंगल मे ले गया।घटना के बाद अनस बाइक छोड़कर मौके से भाग गया और उसने समीप में स्थित वन विभाग की चौकी पर इसकी जानकारी कर्मचारियों को दी जिसके बाद वन विभाग के साथ ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व एवं पुलिस कर्मियों ने संयुक्त रूप से जंगल में सर्च अभियान चलाते हुए अफसारूल कि काफी खोजबीन की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। घटना में अनस भी मामूली रूप से घायल हुआ है।धटना की सूचना पाकर अफ़सारुल के परिजन भी मोहान पहुँच गये।
रविवार की सुबह फिर जंगल में सर्च अभियान चलाने के साथ ही जेसीबी मशीनों की मदद से जंगल में झाड़ियों को काटकर सर्च किया गया जिसके बाद मृतक का एक हाथ बरामद हुआ है,उससे कुछ समय पश्चात दूसरा हाथ भी बरामद हो गया।जबकि पूरा शव अभी बरामद नहीं हुआ है।
मामले में रामनगर वन प्रभाग की कोसी रेंज के रेंजर शेखर तिवारी ने बताया कि सर्च अभियान अभी जारी है साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से जंगल में अकेले ना जाने की अपील करते हुए उनसे सतर्क रहने की हिदायत है।
वही मामले में ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ अपना रोष जताते हुए कहा कि इस इलाके में पिछले लंबे समय से बाघ का आतंक बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है,कि कई लोगों ने इस इलाके में चार बाघ देखे हैं तथा बाघ कई पालतू जानवरों को अपना शिकार बनाने के साथ ही ग्रामीणों पर भी हमला कर चुके हैं।इस घटना के बाद से बाघ की दहशत इलाके फैल चुकी है।ऐसे में अब बच्चों का स्कूल जाना भी खतरे से खाली नहीं है।
ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे जाम करते हुए वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन एवं नारेबाजी की और गांव में घूम रहे बाघों को तत्काल पकड़ने की मांग की है।ग्रामीणों के जाम के कारण वाहनों की काफी लंबी लाइने लग गयी।यात्रियों को कई घण्टे जाम में फँसे होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
वही मौके पर पहुँचे उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व काँग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने लोगो की समस्या को सुना और उनके साथ वही धरने पर बैठ गये।हरदा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बाघ के दो हमले हो चुके है ।दोनो हमलों में दो लोगो की जाने चली गयी है।जिससे ग्रामीणों में रोष है।कल शाम को हुई घटना के बाद भी वन विभाग शव को तलाश नही कर पाया है ।उन्होंने कहा कि वन विभाग की कार्यशैली लचर है।
उन्होंने कहा कि वनकर्मियों की टीमें बना कर अलग अलग क्षेत्रो में कल ही भेज देना था ताकि शव को जल्द तालाश किया जा सके ।बताया कि उनकी मुख्यमंत्री,डीएम और डीएफओ से फोन पर बात हुई है।उन्होंने तीनो से शिकायत की है और साथ ही मांग की है कि जल्द से जल्द शव को तलाश करने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगाये,मृतक के परिवार को तुरंत मुआवजा दिया जाये।ग्रामीण को शक है क्षेत्र में एक नही चार बाघ है।इन्हें पकड़ने के लिए पिंजरे लगाये तथा आदमखोर बाघ को मारने की अनुमति अपने अधिकारियों से लें।
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