उत्तराखंडकुमाऊंनैनीतालसमस्या

75 वर्षो से मूलभूत सुविधाओं से वंचित वन ग्राम वासी नही बनेगें राजनीतिक दलों के हाथों की कठपुतली।

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रामनगर-वनग्राम संघर्ष समिति की एक बैठक संपन्न हुई। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध ना होने से आक्रोशित लोगों ने बैठक कर अपनी समस्याओं के लिए आगे आकर खुद लड़ने का फैसला लिया है।

बुधवार को आमडन्डा निवासी चिंताराम की अध्यक्षता व लालमणि के संचालन में हुई बैठक में वन ग्राम के लोगों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश जताया कि आजादी के 75 साल व राज्य गठन के 21 साल बाद भी वन गांव के लोग आज भी मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य ,मोबाइल -इंटरनेट सेवा के लिए मोहताज है।
बैठक में वन गांव से जुड़े लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश था कि सरकार एवं राजनीतिक दलों के द्वारा उनको दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है।

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राजनीतिक दलो ने उनका केवल वोट के लिए इस्तेमाल किया और उसके बाद उनको उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया गया है ।बैठक में इस बात पर को लेकर आपसी मतभेद भी दिखाई दे कुछ लोगों ने विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करने की बात कही तो वहीं कुछ लोगों ने चुनाव बहिष्कार की बात कहीं। बैठक में निर्णय लिया गया है शीघ्र ही बैठक कर सर्वसम्मति से अंतिम निर्णय लिया जायेगा।इस दौरान बैठक में चिंताराम ,लालमणि, चंदन प्रकाश, मोहम्मद शफी, ललित मोहन कड़ाकोटि, ,दीपचंद ,रेवी राम, प्रेमचंद्र, इंद्र प्रधान ध्यानी आर्य, नवीन कुमार, रमेश आर्य, गोपाल राम,हरिश्चंद्र, दीपक कुमार, यशपाल नेगी ,बंशीधर ,पंकज कुमार,लता देवी ,इंदिरा देवी, लक्ष्मी देवी, नीमा देवी , कांति देवी ,जीवंती देवी,सरस्वती देवी ,ललिता आदि लोग मौजूद रहे।