देहरादून।उत्तराखण्ड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता)मामले में पहल करते हुए कमेटी का गठन कर दिया है।सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।पाँच सदस्य कमेटी बनायी गयी है।इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज भी शामिल किए गये हैं।
कॉमन सिविल कोड को लेकर 5 सदस्य कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायधीशों और आईएएस पर भरोसा जताया गया है।सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।।प्रमोद कोहली सेवानिवृत्त न्यायाधीश, मनु गौड़ सामाजिक कार्यकर्ता, शत्रुघन सिंह पूर्व आईएएस, सुरेखा डंगवाल कुलपति दून विश्वविद्यालय को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।यह5 सदस्य कमेटी जल्द कॉमन सिविल कोड को लेकर ड्राफ्ट बनायेगी।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड:
यूनिफार्म सिविल कोड का मतलब है कि देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून हो, चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मो के लिए एक कानून लागू होगा।। यह एक पंथ निरपेक्षता कानून है, जो सभी के लिए समान रूप से लागू होता है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राज्य की जनता से वादा किया था कि सभी संकल्पों को उनकी सरकार पूरा करेगी। अब पुष्कर सिंह धामी जब सत्ता में दोबारा लौटेने के बाद ‘संकल्प पत्र’ में किए वादों को पूरा करने की दिशा में निरंतर कदम बढ़ा रहे हैं।।
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