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हल्द्वानी में हाई अलर्ट, आज सुप्रीम कोर्ट में रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले की अहम सुनवाई

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50 हजार लोगों की किस्मत पर आयेगा फैसला?

हल्द्वानी/नई दिल्ली। उत्तराखंड के चर्चित बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में आज सुप्रीम कोर्ट की निर्णायक सुनवाई होने जा रही है। जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच याचिकाकर्ता अब्दुल मतीन सिद्दीकी की अपील पर सुनवाई करेगी। मामला कोर्ट में 23वें नंबर पर सूचीबद्ध है और आज ही किसी महत्वपूर्ण आदेश की उम्मीद जताई जा रही है।

हल्द्वानी में अलर्ट—स्कूल, दुकानें बंद, आईडी चेकिंग शुरू

सुनवाई से पहले ही हल्द्वानी में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दिया गया है।

बनभूलपुरा को हाई-अलर्ट जोन घोषित

दुकानों व स्कूलों को बंद कराया गया

आने-जाने वालों की आधार कार्ड से सख़्त जांच

15 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया

वहीं पहले दिल्ली ब्लास्ट मामले में संदेह के आधार पर पकड़े गए बिलाल मस्जिद के इमाम आसिम कासमी को पुलिस ने 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर शांति बनाए रखने का नोटिस दिया है।

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ITBP–CRPF रिज़र्व में, ड्रोन निगरानी—500 से अधिक जवान तैनात

मामला रेलवे की 29 एकड़ भूमि और उस पर बसे 5 हजार परिवारों से जुड़ा हुआ है।
शहर में सुरक्षा के लिए तैनाती—

3 एएसपी

4 सीओ

12 थानाध्यक्ष

45 एसआई

400 से अधिक हेड कॉन्स्टेबल

ड्रोन सर्विलांस

ITBP और CRPF रिजर्व में

SSP मंजूनाथ टीसी के अनुसार क्षेत्र में लगातार फ्लैग मार्च, सतर्क चेकिंग और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग जारी है।

18 साल पुराना विवाद—2007 से कोर्ट में लड़ाई, 2016 में बेदखली आदेश

इस प्रकरण की शुरुआत 2007 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुई थी, जब प्रशासन ने मात्र 0.59 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाया था।
2013 में दायर खनन संबंधी जनहित याचिका में रेलवे भूमि का मुद्दा फिर उठने के बाद,

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2016 में हाईकोर्ट ने 10 हफ्तों में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए

अतिक्रमणकारियों ने जमीन को नजूल भूमि बताकर दावा किया, जिसे कोर्ट ने जनवरी 2017 में खारिज कर दिया

मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा

“50 हजार लोगों को रातों-रात बेघर नहीं किया जा सकता” — सुप्रीम कोर्ट

जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार और रेलवे से स्पष्ट कहा था कि—
“विकास के साथ मानवीय पहलू भी जरूरी है, बिना पुनर्वास योजना के बेदखली संभव नहीं।”

8 फरवरी 2024 की हिंसा ने बढ़ाई संवेदनशीलता

रेलवे क्षेत्र के पास अवैध ढांचे पर कार्रवाई के दौरान 8 फरवरी 2024 को हिंसा भड़क उठी थी।

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6 लोगों की मौत

300 पुलिसकर्मी व निगम कर्मचारी घायल

थाना घिरा, पथराव, आगजनी

क्षेत्र में कर्फ्यू और गोलीमार आदेश लागू

इसी पृष्ठभूमि के चलते आज की सुनवाई बेहद संवेदनशील मानी जा रही है।

फ्लैग मार्च और आईडी चेकिंग—जनता से शांति बनाए रखने की अपील

पुलिस ने बनभूलपुरा, गफूर बस्ती, इन्द्रानगर, ठोकर, ताज मस्जिद, रेलवे स्टेशन समेत कई क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकाला है। बाहरी लोगों को बिना आईडी एंट्री नहीं दी जा रही है।

पुलिस की अपील—

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें

अफवाहों से बचें

सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट न डालें

कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश न करें

प्रशासन ने साफ कहा है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।