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सरकार की उपेक्षा से नाराज़ आयुष चिकित्सको ने लगाया भेदभाव करने का आरोप।

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देहरादून-आयुष चिकित्सक मुख्यतः अपनी तीन सूत्रीय माँगो को सरकार द्वारा ध्यान न दिए से जाने से नाराज़ है।जिसको लेकर आयुष चिकित्सको ने कोरोना काल मे कार्य बहिष्कार एवं आंदोलन की चेतावनी दी है।

लिखा गया पत्र।


प्रदेश की राज्य सरकार से अपनी तीन सूत्रीय माँगो को मनवाने को लेकर प्रदेश के आयुष चिकित्सक काफी समय से प्रयासरत है।इन मांगों को लेकर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ० के० एस० नपलच्याल एक माह पूर्व शासन-प्रशासन को पत्र लिख कर अवगत करा चुके है।

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इसके अलावा प्रान्तीय महासचिव भी 20 दिन पूर्व हरदेव रावत भी आयुष चिकित्सको की माँगो को पत्र के माध्यम से शासन प्रशासन को अवगत करा चुके है।बावजूद इसके अभी तक शासन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही अमल में नही लायी गयी है।जिससे आयुष चिकित्सको में खासा रोष व्याप्त है।राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि जहाँ एलोपैथिक डॉक्टर्स एवं कर्मचारियों की माँगो को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं वित्त सचिव,चिकित्सक एवं स्वास्थ अमित नेगी द्वारा उनकी सभी माँगो को सकारात्मक आश्वासन दिया गया है।जबकि आयुष चिकित्सको एवं कर्मचारियों की इन्ही माँगो को सरकार ध्यान नही दे रही है।जिस कारण आयुष चिकित्सको ने सरकार पर उनकी उपेक्षा,भेदभाव व सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि उनकी माँग है कि एक दिन की वेतन कटौती वापस लेने,एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन भत्ता देने तथा डीएसीपी जैसी मांगों को जल्द पूरा किया जाये। 
डॉ०पसबोला द्वारा सरकार चेताने के लिए कहा कि यदि उनकी माँगो को सरकार द्वारा नही माना गया तो।सभी आयुष चिकित्सक कोरोना काल मे कार्य बहिष्कार करेंगे तथा एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।