रामनगर-जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पार्क प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां की ढेला नदी में हाथी के एक बच्चे का शव कई दिन से पड़ा है। कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने अभी तक शव को नहीं हटाया है। परेशान करने वाली बात ये है कि इस नदी के पानी को इसके नीचे की ओर रहने वाले गांवों के लोग पीते हैं।
विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला रेंज के अंतर्गत ढेला नदी में एक हाथी के बच्चे का शव नदी में पड़ा हुआ है। इसका वीडियो रामनगर के सावल्दे में रहने वाले एक व्यक्ति श्याम द्वारा बनाया गया है। श्याम सैनी का कहना है कि मैं जंगल में घास लेने के लिए गया था।उसने बताया कि उसने देखा कि ढेला नदी में एक हाथी के बच्चे का शव पड़ा हुआ है। श्याम ने उसका वीडियो बना लिया। श्याम ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हाथी का बच्चा पहाड़ी से गिरा होगा। अगर कॉर्बेट की गश्ती टीम इसे समय पर देखती तो शायद हाथी के बच्चे को बचाया भी जा सकता था। श्याम ने कहा कि यह लगभग 8 से 10 दिन पुराना शव है। आज तक कॉर्बेट प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी है। श्याम का कहना है कि हाथी के बच्चे का शव कॉर्बेट पार्क की चौकी से कुछ ही दूरी पर है। श्याम सैनी ने कहा कि यह कॉर्बेट प्रशासन की लापरवाही है। ढेला रेंज अधिकारी की लापरवाही है। उन्होंने कहा कि ना ही हाथी के बच्चे के शव का पोस्टमार्टम हुआ और ना ही अधिकारी कुछ करने को तैयार हैं। शव पानी में पड़ा हुआ है और जिस पानी को ढेला वाले इस्तेमाल भी करते हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है।
कॉर्बेट प्रशासन के निदेशक राहुल ने कहा कि प्रथम दृष्टया हाथी के बच्चे का शव देखने से पता चलता है कि उसका शिकार टाइगर ने किया।बावजूद इसके इस मामले की जाँच की जा रही है जो भी तथ्य निकल कर सामने आयेंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
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