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UKSSSC भर्ती परीक्षा मामले में एसटीएफ ने तीन हाई प्रोफाईल लोगो को किया गिरफ्तार।

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देहरादून ।उत्तराखण्ड एसटीएफ ने बड़ी कार्यवाही करते हुए बीपीडीओ भर्ती परीक्षा में हुई धाँधली को लेकर आज तीन हाईप्रोफ़ाइल लोगो को गिरफ्तार किया है। बीपीडीओ परीक्षा 2016 में कराई गई थी।शिकायत मिलने पर विजिलेंस की ओर से मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद इसी साल अगस्त महीने में जांच एसटीएफ को ट्रांसफर हुई थी।उत्तराखण्ड एसटीएफ ने जिन तीन लोगो को गिरफ्तार किया है उनके यह नाम है।

1 तत्कालीन अध्यक्ष UKSSSC डॉ रघुवीर सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय श्री दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून

2 तत्कालीन सचिव UKSSSC मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी वन 169/2 वन विहार शिमला बायपास देहरादून।वर्तमान पद- सँयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून

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3 तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक UKSSSC राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र स्वर्गीय श्री प्रेम सिंह पोखरिया निवासी 1/29 कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर देहरादून को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और  न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

आपको बता दें 2016 में कराई गई थी बीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच में पूर्व चेयरमैन आरवीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरस पोखरिया को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।

भर्ती घोटाले में अब तक उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 40 से अधिक आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा आयोजित की गई थी और आयोग की ओर से बीते 6 मार्च 2016 को यह परीक्षा आयोजित की गई थी और परीक्षा सभी 13 जिलों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित हुई थी और परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया था 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम आया था।

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इसके बाद जब शिकायतें मिलने लगी तो 2019 में अनियमितताओं की पुष्टि होने पर विजिलेंस की ओर से मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद इसी साल अगस्त महीने में जांच एसटीएफ को ट्रांसफर हुई थी।

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अब इस मामले में 5 के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की शासन से अनुमति मांगी गई है। पिछले 7 सालों में करवाएगी भर्तियों में गड़बड़ी के मामले में आयोग के सचिव संतोष बडोनी पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी व तीन अनुभाग अधिकारियों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है जांच के बाद विजिलेंस ने शासन को पत्र लिखकर पांचों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की शासन से अनुमति मांगी है।