देहरादून-चमोली जिले के हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद से प्रदेश सरकार इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए खांसी मशक्कत में जुटी है ऐसे में सरकार ने इसरो से भी इसको लेकर मदद मांगी थी ऐसे में इसरो ने सेटेलाइट इमेज जारी की है जिसके बाद चमोली में आई आपदा के कारणों का काफी हद तक अनुमान लग पाया है कि वहां पर आखिरकार हुआ क्या था जी हां चमोली में आई आपदा के कारण क्या है इसके सभी टेक्निकल पहलुओं पर लगातार काम किया जा रहा है।
आपदा के कारणों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने इसरो से चार्टर लागू करने की मांग की थी जिसके बाद इसरो ने अंतरराष्ट्रीय चार्टर लागू किया है इस रोक को अमेरिकन प्राइवेट सेटेलाइट कंपनी ने कुछ तस्वीरें दी हैं जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है।जिससे साफ पता चलता है कि चमोली में धौलीगंगा नदी के पहाड़ों पर पिछले एक हफ्ते में भारी बर्फबारी हुई थी जिसके चलते पहाड़ों पर बड़ी संख्या में बर्फ जमा हो गई थी और जब 6 फरवरी को मौसम खुला तो बर्फ का एक पूरा हिस्सा नीचे खिसक गया।जो सेटेलाइट इमेज में साफ दिख रहा है।आपको बताएं कि अमेरिका की प्राइवेट अर्थ इमेज कंपनी प्लेनेट लैब जो सैन फ्रांसिस्को कैलिफोर्निया बेस्ट में है उसका सेटेलाइट आपदा क्षेत्र के ऊपर से गुजर रहा था स्टरलाइट कंपनी से आई इमेज में साफ हो गया कि ताजा बर्फ देशों के चट्टानों वाले हिस्से में जमनी शुरू हुई थी, जो मौसम साफ होने के बाद नीचे गिर गई और उसकी वजह से एक बड़ा सैलाब बना जिसने इतनी तबाही मचाई है।
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