रामनगर।कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सुखद खबर सामने आयी है।जिसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन उत्साहित नज़र आ रहा है और खुश भी।बताया जा रहा है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन कही जाने वाली रामगंगा नदी के किनारे घड़ियालों के नवजात शिशु देखे गये है जिनकी संख्या लगभग 50 बतायी जा रही है।घड़ियालों के नवजात शिशुओं के दिखाई देने के बाद माना जा रहा है कि यहाँ विलुप्ति के कगार पर पहुँच गये घड़ियालों का कुनवा बढ़ने लगा है।घड़ियालों के बच्चों के संरक्षण के लिए गश्त बढ़ा दी गयी है।
बता दे कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला ब्लॉक के अंतर्गत सर्पदुली रेंज में वनकर्मियों को गश्त के दौरान इस रेंज से होकर गुजरने वाली रामगंगा नदी के किनारे घड़ियालों के नवजात बच्चों को पानी मे अटखेलिया करते हुए देखा गया है।हालही में अंडों से निकले घड़ियाल के बच्चे रामगंगा नदी किनारे रेत और पानी में देखे गये है।इनकी गिनती करने पर संख्या लगभग पचास बतायी जा रही है।घड़ियाल के बच्चों की नदी में मौजूदगी इस बात की बानगी है कि यहाँ का वातावरण घड़ियालों के कुनवे में बढ़ोत्तरी के लिए अनुकूल है।
वही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक नीरज शर्मा ने जानकारी देते हुए वनकर्मियों को गश्त के दौरान सर्पदुली रेंज में लगभग 40 से 50 नये घड़ियाल के बच्चे दिखाई दिये हैं।जिनकी तस्वीरों को कैमरे में कैद किया गया है।उन्होंने इसे हर्ष का विषय बताते हुए कहा कि कॉर्बेट प्रशासन की कोशिश के की इनको संरक्षित रखने के लिए वनकर्मियों को उस इलाके में निगरानी रखने के लिए दिशा निर्देश दिये गये है ताकि इन नवजात शिशुओं को जीवन बचाया जा सके और कॉर्बेट में घड़ियाओ कई संख्या में इज़ाफ़ा हो सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे मानसून सत्र चल रहे है और जैसे जैसे समय बीतेगा और बारिश के कारण नदी का जल स्तर बढ़ेगा और यदि नदी का पानी वहाँ तक पहुँचेगा तो यह बच्चे पानी के तेज बहाव के कारण बह सकते है जिस कारण इनके जीवम को खतरा हो सकता है।अतः कॉर्बेट प्रशासन इन नवजात घड़ियालों का हरहाल में संरक्षण करना चाहता है।इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे वह उठाये जायेंगे।
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