
देहरादून। उत्तराखंड में जल्द ही चुनाव आयोग का स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) शुरू होने जा रहा है। इसी के साथ दूसरे राज्यों से विवाह कर उत्तराखंड आई बेटियों के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रिया तय कर दी गई है। मतदाता सूची में अपना वोट सुरक्षित रखने के लिए अब उन्हें अपने मायके से वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट से जुड़े आवश्यक दस्तावेज लाने होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी है। प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों—खासकर उत्तर प्रदेश—ने भी अपनी पुरानी वोटर लिस्ट को ऑनलाइन उपलब्ध कराया हुआ है। यही वजह है कि 2003 के बाद अन्य राज्यों से विवाह कर उत्तराखंड आई महिलाओं को एसआईआर के समय अपने मायके की वोटर लिस्ट का प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
निर्वाचन विभाग के अनुसार—
जिन बेटियों का साल 2003 में मायके की वोटर लिस्ट में नाम था, उन्हें वही जानकारी यहाँ एसआईआर फॉर्म में प्रस्तुत करनी होगी।
और जिनका नाम उस समय वोटर लिस्ट में शामिल नहीं था, उन्हें अपने माता-पिता के 2003 के वोट का विवरण एसआईआर के दौरान देना होगा।
चूंकि उत्तराखंड की मतदाता सूची अभी फ्रीज नहीं हुई है, ऐसे में नाम जोड़ने, संशोधन कराने व पते में बदलाव की प्रक्रिया अब भी जारी है। विभाग का कहना है कि एसआईआर शुरू होने से पहले ही सभी आवश्यक कागज़ तैयार कर लेने से आगे की प्रक्रिया सुगम हो जाएगी।
मतदाताओं को सलाह
निर्वाचन विभाग ने निवेदक किया है कि अन्य राज्यों से आई महिलाएं अभी से संबंधित दस्तावेज इकट्ठा करना शुरू करें, ताकि एसआईआर शुरू होने पर किसी प्रकार की दिक्कत न आए।
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