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रामनगर(उत्तराखंड):संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आगामी 18 फरवरी, रविवार को जंगली जानवरों व बंदरों से इंसानों फसलों व मवेशियों की सुरक्षा आदि मांगों को लेकर उत्तराखंड राज्य स्तरीय जन सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की है। इस सम्मेलन में क्षेत्रीय जनता व जनप्रतिनिधियों के साथ उत्तराखंड के विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक व किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी भागीदारी करेंगे।
संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि उत्तराखंड में जंगली जानवरों व बंदरों का आतंक चरम पर है। जनता पर जंगली जानवरों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं परंतु केंद्र और राज्य सरकार जनता की सुरक्षा के सवाल पर ना तो बात करने के लिए तैयार है और ना ही कोई कार्यवाही ही कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में औसतन प्रतिदिन एक व्यक्ति हिंसक जंगली जानवरों के हमले का शिकार हो रहा है। सरकार जनता को सुरक्षा देने की जगह नाम मात्र का मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही ले रही है।
सोबन तड़ियाल ने कहा कि समिति के द्वारा लगातार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक से वार्ता का निवेदन किया जा रहा है परंतु टाइगर रिजर्व के निदेशक वार्ता कर जनता की समस्या सुनने को तैयार नहीं है।
ललित मोहन पांडे ने कहा कि विगत 14 दिसंबर को ढेला में टाइगर रिजर्व व प्रशासन ने जनता के बीच आश्वासन दिया था कि आदमखोर टाइगर को पकड़े जाने की अनुमति ले ली गई है। अतः जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। परंतु आज दो माह बाद भी वन प्रशासन द्वारा टाइगर को नहीं पकड़ा गया है और वह इस बीच में कई लोगों पर हमला कर चुका है तथा सांवल्दे निवासी दुर्गा देवी को मार भी चुका है। उन्होंने कहा कि आदमखोर टाइगर अभी भी क्षेत्र में घूम रहा है और वह पुनः किसी को मार सकता है।
संजय मेहता ने कहा कि ग्राम कानिया में आयोजित किए जा रहे सम्मेलन की सफलता के लिए जनता के बीच में व्यापक स्तर पर जनसंपर्क एवं प्रचार अभियान चलाया जाएगा एवं 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के समर्थन में रामनगर से एक दो पहिया वाहन रैली का भी आयोजन किया जाएगा।
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