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विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने रुद्रपुर ( सिडकुल )स्थित डॉलफिन कंपनी के मजदूरों के पिछले 20 दिन से जारी आमरण अनशन और उसके प्रति शासन प्रशासन की संवेदन हीनता पर एसडीएम रामनगर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।

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रामनगर।विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने रुद्रपुर ( सिडकुल ) स्थित डॉलफिन कंपनी के मजदूरों के पिछले 20 दिन से जारी आमरण अनशन और उसके प्रति शासन प्रशासन की संवेदनहीनता पर उप जिलाधिकारी, रामनगर के माध्यम से मुख्यमंत्री, उत्तराखंड को ज्ञापन प्रेषित कर तत्काल डॉलफिन मजदूरों की कानून सम्मत मांगों को माने जाने एवं कंपनी मालिक प्रिंस धवन के गैर कानूनी कृत्यों पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किये जाने की मांग की।


ज्ञापन में कहा गया कि रुद्रपुर में डॉलफिन कंपनी के मजदूर अपनी कानून सम्मत मांगों को श्रम विभाग एवं शासन-प्रशासन द्वारा अनदेखा किये जाने के बाद अंतत: आमरण अनशन को मजबूर हुये हैं; 4 महिला एवं 2 पुरुष मजदूर पिछले करीब 20 दिन से अनशन पर हैं। महिला मजदूरों को प्रशासन ने जोर-जबरदस्ती उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है, लेकिन उनका अनशन वहां भी जारी है और स्थिति अत्यंत नाजुक बनी हुई है; कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।

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दूसरी तरफ, श्रम विभाग और प्रशासन के अधिकारी पूरी बेशर्मी के साथ कंपनी मालिक प्रिंस धवन के गैर कानूनी कृत्यों में उसका साथ दे रहे हैं; वे मजदूरों की नरबली लेने पर उतारु हैं। इस कारण पूरे सिडकुल में मजदूरों एवं उत्तराखंड के सामाजिक- राजनीतिक संगठनों में भारी रोष है।ज्ञापन में मांग की गई कि -डॉलफिन के मजदूरों की सभी कानून सम्मत मांगों को तत्काल माना जाये; सभी निष्कासित मजदूरों को तुरंत काम पर लिया जाये; गैरकानूनी तरीके से स्थायी श्रमिकों को ठेकेदारी के तहत नियोजित करना बंद किया जाये और सभी श्रमिकों को उत्तराखंड सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन मिलना सुनिश्चित किया जाये,कंपनी मालिक प्रिंस धवन द्वारा किये जा रहे गैर कानूनी कृत्यों और गैर कानूनी श्रम अभ्यास पर मुकदमा दर्ज कर उसको तत्काल गिरफ्तार किया जाये।ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि -यदि शासन-प्रशासन डॉलफिन कंपनी की कानून सम्मत मांगों को नहीं मानता है और इसी तरह मजदूरों के प्रति संवेदनहीन बना रहता है तो उत्तराखंड के सामाजिक- राजनीतिक संगठनों को भी अंतत: सडक पर उतरने को बाध्य होना पड़ेगा।

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ज्ञापन देने वालों में राज्य आंदोलनकारी एवं उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल,मो. आसिफ, असलम, लालमणी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के महासचिव रोहित रुहेला, उबैदुल हक, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंवाल एवं परिवर्तनकामी छात्र संगठन के रवि व विनोद शामिल थे।