रामनगर-एससी एसटी-ओबीसी समाज के लोगों ने शिक्षा विभाग पर नोकरी न देने का आरोप लगाते हुए रविवार को रानीखेत रोड़ के समीप एक होटल में प्रेस वार्ता की।आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता सहायक अध्यापक/प्रधान अध्यापक की मृत्यु होने पर उनके बालिग़ होने के बाद भी उनको नोकरी नहीं दी गयीं।
उन्होंने बताया कि मृतक आश्रित सेवा नियमावली 1974 मैं प्राविधान नियम सेवारत कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने की तिथि से पांच साल के आवेदन करने पर ही मृतक आश्रित का लाभ दिये जाने का प्रावधान है लेकिन उन लोगों को शिक्षा विभाग द्वारा नौकरी नहीं दी गई है।बताया कि इसी द्वितीय पैरा के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा सौरभ बिष्ट को 15 वर्ष सुखपाल सिंह को 22 वर्ष स्वप्निल को 9 वर्ष गौतम चौहान को 13 वर्ष विक्रम सिंह चौहान को 27 वर्ष और नवीन कुमार सेमवाल को 28 वर्ष के बाद भी नौकरी दी गई।उन्होंने बताया कि एससी एसटी और ओबीसी को जानबूझकर नौकरी नहीं दी जा रही है बल्कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में विशेष जाति के लोगों को तरजीह देते हुए नोकरी दी जा रही है और एससी एसटी और ओबीसी के लोगों को प्रदेश में ही नहीं पूरे देश जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है जो कि निंदनीय है।उन्होंने सरकार से इस और ध्यान देने की बात कहीं हैं।इस दौरान पत्रकार वार्ता मे पूर्व सभासद अश्वनी कुमार सिद्धार्थ घनेन्द्र कुमार मनवीर सिंह प्रमोद कुमार जगन्नाथ सेवररिया आदि लोग मौजूद रहे।
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