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अल्मोड़ा के शिक्षा विभाग में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार का फर्जीवाड़ा, मूल्यांकन की खुली पोल, छुट्टी के दिन कराया जा रहा है गुपचुप मूल्यांकन।

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अल्मोड़ा।स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्कूलों में स्वच्छता अपनाने व प्रोत्साहन के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 के प्रथम चरण में पोर्टल पर विद्यालयों द्वारा पंजीकरण किया गया था।

कार्यक्रम के द्वितीय चरण में समस्त उत्तराखण्ड के विद्यालयों में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार हेतु प्रथम चरण में चयनित विद्यालयों का निर्धारित मानकों के अनुरूप मूल्यांकन कार्य किया जा रहा है। यह मूल्यांकन कार्य निर्धारित 59 बिन्दुओं जिनमें प्रत्येक विद्यालय परिसर व शौचालय की स्वच्छता, सही तरीके से हाथ धोना, कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करना, बच्चों में व्यवहार परिवर्तन, सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता जैसे छह श्रेणियों में बांटे गए लगभग 59 प्रश्नों के जवाब मूल्यांकन के आधार पर आनलाईन स्कूलों को स्टार रेटिंग देते हुए किया जायेगा।

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अतः स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 हेतु प्रथम चरण में चयनित विद्यालयों के मूल्यांकन कार्य हेतु परिशिष्ठ-1 के अनुसार मूल्यांकन दल का गठन किया गया है। मूल्यांकन दल को 15 मई रविवार तथा 16 मई बुद्धपूर्णिमा के अवकाश के दिन विद्यालयों में भेजा जा रहा है। जिला अल्मोड़ा तथा प्रदेश के आला शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्वच्छ विद्यालय सर्वेक्षण हेतु अवकाश के दिन मूल्यांकन किस प्रकार किया जायेगा, ये सोचनीय प्रश्न है।

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एसी कमरों में बैठे प्रदेश और जिले के आला अधिकारी खानापूर्ति करते हुए ऐसे हवा हवाई आदेश जारी कर रहे हैं। जिससे एक तरफ वास्तविक स्वच्छता के स्तर में घालमेल तथा दूसरी ओर महज खानापूर्ति करते हुए शिक्षा विभाग के हवा हवाई दावों की पोल खुल रही है।