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प्रशासन रहा बेखबर प्रोपर्टी डीलरों ने बेच डाली नौ बीघा सरकारी जमीन।

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उधमसिंह नगर-सीमंत खटीमा नगर में हाइकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने से बेघर हुए लोगो को बसाने को प्रशासन ने खोजी नौ बीघा सरकारी जमीन,जांच में हुआ अजब खुलासा,प्रोपर्टी डीलरों ने बेच डाली थी सरकारी जमीन,खटीमा के खेतलसंडा में स्थित यह जमीन सरकारी खातों में बंजर है दर्ज,एसडीएम ने मौके का मुआयना कर पटवारी को दिए सरकारी जमीन खुर्द बुर्द करने वालो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। 

सरकारी ज़मीन

गौरतलब है कि सीमांत खटीमा के खेतल संडा ग्राम में 9 बीघा सरकारी जमीन को प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा बेचे जाने का मामला सामने आया है। पूरे प्रकरण के अनुसार खटीमा नगर में हाई कोर्ट के निर्देश पर जहां प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया जा रहा है वहीं अतिक्रमण हटाने से बेघर हुए कुछ परिवारों को बसाने के लिए प्रशासन द्वारा जब सरकारी जमीन की खोजबीन की गई तो खटीमा के खेतलसड़ा गांव में 9 बीघा सरकारी जमीन सरकारी खतौनी में बंजर दर्ज पाई गई। जब प्रशासन बेघर लोगों को बसाने पहुंचा तो वहां पर प्रशासन के सामने चौकाने वाला मामला सामने आया है।

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प्रशासन को ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि यह जमीन प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा कई लोगों को बेची जा चुकी है। जबकि मौके पर भी कई मकान प्रशासन द्वारा बनते पाए गए। एसडीएम खटीमा निर्मला बिष्ट व तहसीलदार यूसुफ अली द्वारा सरकारी जमीन का मौके पर पहुँच जहां मुआयना किया गया। साथ ही सरकारी जमीन पर मकान बना रहे लोगों से उनके पास मौजूद जमीन के दस्तावेजों को मांगा गया है। वहीं प्रशासन की टीम द्वारा जब सरकारी जमीन स्थल पर निरीक्षण के लिए आया गया तो स्थानीय ग्रामीणों ने एसडीएम को जानकारी दी कि उन्होंने यह जमीन प्रॉपर्टी डीलर द्वारा खरीदी है।लोगो ने अपने जीवन भर की कमाई लगाकर यहां पर जमीन खरीदी है जमीन बेचने वालों ने थारू लेंड जमीन बताकर जमीन को बेचा है।इसलिए प्रशासन द्वारा उनके साथ हुई धोखाधड़ी पर न्याय किया जाय।

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निरीक्षण करती उपजिलाधिकारी।

जबकि इस पूरे प्रकरण की जांच करने मौके पर पहुँच एसडीएम निर्मला बिष्ट ने मीडिया को बताया कि खेतल संडा खाम इलाके में सरकारी आकड़ो में नौ बीघा जमीन दर्ज पाई गई।जिस पर खटीमा अतिक्रमण हटाने के दौरान बेघर हुए लोगो को बसाने की योजना थी।लेकिन मौके के निरीक्षण पर पाया गया कि उक्त सरकारी जमीन को कुछ लोगो द्वारा बेचा गया है।जिस पर ग्रामीणों द्वारा उक्त लोगो के खिलाफ शिकायत मांगी गई है।अगर ग्रामीणों से शिकायत नही मिलती है तो क्षेत्रीय पटवारी को जांच कर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए है।

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अब यह बड़ा सवाल है कि खटीमा में  9 बीघा सरकारी जमीन को प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा बेच दिया जाता है लेकिन पूर्व के प्रशासन को इस मामले की कानों कान खबर नहीं होती है। वहीं अगर खटीमा में अतिक्रमण से बेघर हुए लोगों को बसाने के लिए प्रशासन द्वारा जमीन की खोज बीन नहीं की जाती तो शायद ही इस मामले से पर्दा नहीं उठ पाता। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि खटीमा में बेखौफ हो चुके प्रॉपर्टी डीलरों पर नकेल कसने का काम किया जाए ताकि आगे कोई भी प्रॉपर्टी डीलर सरकारी जमीनों की खरीद-फरोख्त कर उसे खुर्द बुर्द करने की हिमाकत न कर सके।