रुद्रप्रयाग।ऋषिकेश बद्रीनाथ नेशनल हाइवे पर ऑलवेदर रोड के तहत रुद्रप्रयाग से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर बनाये जा रहे पुल की शटरिंग गिरने के मामले में पुल का निर्माण कर रही आरसीसी कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और सहायक इंजीनियर को पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया,जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया है।वहीं पुलिस मामले की तहक़ीक़ात में जुटी है।
गौरतलब है कि ऋषिकेश बद्रीनाथ नेशनल हाइवे 58 पर नरकोटा के पास बीते बुधवार की सुबह को 65 करोड़ की लागत से बनने वाले डबल लेन निर्माणाधीन पुल का कार्य चल रहा था।पुल की लोहे शटरिंग नीचे कार्य करने वाले मजदूरों पर गिर गयी।जिसमे दस मजदूर दब गये।आठ मजदूरों का तुरन्त रेस्क्यू कर जिला अस्पताल उपचार के लिए भेज दिया गया।जबकि दो मजदूरी बुरी तरह से लोहे की शटरिंग में दब गये।लोहे की शटरिंग को कटर मशीन से काट कर बाहर निकाला गया परन्तु तब तक दोनो मजदूरों की मौत हो चुकी थी।वही जिला अस्पताल से दो मजदूरों की हालत गम्भीर देखते हुए डॉक्टरो ने उन्हें ऋषिकेश एम्स अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।उपचार के दौरान एक मजदूर की देर रात मौत हो गयी जबकि दूसरे के हालत अभी भी चिंताजनक बतायी जा रही है।इस मामले जाँच कर रही पुलिस ने पाया कि मजदूर बिना हेलमेड बिना सुरक्षा के कार्य कर रहे थे।इस दौरान मजदूरों के साथ कोई इंजीनियर वगैराह मौजूद नही था।यदि मजदूरो की सुरक्षा के मानकों पर ध्यान दिया जाता तो मजदूरों की जान बच सकती थी।
पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि मामले में आरसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्योति प्रकाश शर्मा पुत्र हंसराज शर्मा निवासी हिमांचल प्रदेश हाल पता प्रोजेक्ट मैनेजर आरसीसी कम्पनी नरकोटा रुद्रप्रयाग तथा कंपनी के सहायक अभियंता मुकेश गुप्ता पुत्र चंद्र सेन गुप्ता निवासी विकासनगर देहरादून हाल पता ब्रिज इंजीनियर आरसीसी कम्पनी नरकोटा खिलाफ मृत मजदूरों के परिजनों की तहरीर के आधार पर आईपीसी की धारा 304, 323, 325 एवं 120 बी के तहत लापरवाही बरतने पर मुकदमा पंजीकृत किया गया और दोनों को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
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