उत्तराखंडउधम सिंह नगरकुमाऊंक्राइम

पुलिस महानिदेशक ने की आतंकी संगठन के सदस्यों को पकड़ने पर उत्तराखण्ड एसटीएफ को एक लाख के इनाम की घोषणा।

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देहरादून-उधमसिंह नगर के पंतनगर इलाके में एसटीएफ द्वारा प्रभावी कार्यवाही करते हुए आतंकवाद से जुड़े चार लोगों को पकड़ने में सफलता हासिल की है।जिसके बाद पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा एक लाख रुपये का इनाम उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम को देने की घोषणा की है।

बता दे कि कि माह नवम्बर 2021 में पंजाब के पठानकोट व नवांशहर व लुधियाना में बम ब्लास्ट की घटनाएं हुयी थी, जिसमें पंजाब पुलिस द्वारा पूर्व में 06 लोगों की गिरफ्तारी की चुकी थी ।एक आरोपी सुखप्रीत उर्फ सुख के उत्तराखण्ड में छिपे होने की पुख्ता सूचना उत्तराखण्ड एसटीएफ मिली थी । जिस पर उत्तराखण्ड एसटीएफ की विभिन्न टीमों द्वारा पिछले करीब 03 दिनों से लगातार कार्य करते हुए तथा सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने एवं गोपनीय रूप से जानकारी करने के उपरान्त 04 लोगों शमशेर सिंह उर्फ शेरा उर्फ साबी व उसके भाई हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी, अजमेर सिंह उर्फ लाडी मण्ड तथा गुरपाल सिंह उर्फ गुर्री ढिल्लों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गये चारों लोगों में से शमशेर उर्फ शेरा के कब्जे से एक पिस्टल 32 बोर बरामद की गयी है तथा इनके द्वारा इस अपराध में इस्तेमाल की जा रही कार फोर्ड फिगो को भी बरामद किया गया है। जिनके द्वारा पंजाब में आतंकी बम ब्लास्ट के आरोपी सुखप्रीत उर्फ सुख को अपने घर में शरण देकर और लाने ले जाने के लिये उपरोक्त कार को प्रयोग में लाया जा रहा था। पकड़े गये चारों व्यक्ति कनाडा , ऑस्ट्रेलिया, सरबिया से इन्टरनेट/व्हाट्सअप कॉल से जुड़े थे, और जिन्हें इन्ही कॉलो के माध्यम से विदेशों से संचालित किया जा रहा था। फरार आरोपी सुखप्रीत उर्फ सुख के भी इन्टरनेशनल कॉल्स के सम्पर्क में होने की पुष्टि हुयी है। पकड़े गये चारों व्यक्तियों के खिलाफ आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुखी को अपने घर में शरण देना और मदद करना तथा साजिश के तहत safe hideout पर भेजने की व्यवस्था कराने के अपराध के सम्बन्ध में एक मुकदमा FIR NO 16/2022 धारा 19 UNLAWFULL ACTIVITIES (PREVENTION) ACT 1967 व धारा 25 ARMS ACT, थाना पन्तनगर, जिला ऊधम सिंह नगर में एस0टी0एफ0 द्वारा दर्ज कराया गया है। फरार आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख तथा उपरोक्त गिरफ्तार आरोपीगण कनाडा निवासी अर्श जो कि KHALISTAN TIGER FORCE (KTF) से जुड़ा है, से इन्टरनेट/व्हाट्सअप कॉलिग के माध्यम से सम्पर्क में थे। इन लोगों को अर्श के द्वारा ही संचालित किये जाने की पुष्टि हुयी है। अभियुक्तों से प्राप्त जानकारी को विभिन्न राष्ट्रीय ऐजेन्सियों एवं राज्य पुलिस से साझां किया जा रहा है तथा राष्ट्र हित को देखते हुये अन्य जानकारी गोपनीय रखा गया है।

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