रामनगर-सर्द ऋतु प्रारम्भ होते ही हिमालय ,लद्दाख से निकल कर प्रवासी पक्षियों का कॉर्बेट और उसके आस पास की नदियों और जलाशयों आना शुरू हो गया है।जिनके आने से यहाँ की नदियाँ और जलाशय प्रवासी पक्षियोँ से गुलज़ार हो गये हैं।इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग भी मुश्ताहेद होने का दम भर रहा है।
रामनगर और कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियो का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है।हिमालय और लद्दाख की पहाडियों से निकल कर यह पक्षी रामनगर और कॉर्बेट की नदियों में आकर शौभा बड़ा रहे है।कोसी नदी रामगंगा नदी समेत आस पास कि नदियो व जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है।
जलाशयों में अठखेलियाँ करते परिंदो के दीदार को पक्षी प्रेमी व सैलानी पहुँच रहे है।कॉर्बेट लेण्ड स्केप में साढ़े पाँच सौ से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियाँ पायी जाती है।मगर सर्दियों में सुर्खाब,वाल क्रीपर ,ब्लैक स्टॉर्क ,पिनटेल ,कार्बोरेन्ट समेत तमाम किस्म के परिन्दो के पहुँचने से कोसी,रामगंगा नदी,भोगपुर बौर व हरिपुरा जलाशय और तुमड़िया जलाशय गुलज़ार हो गए है।
आपको बता दे की प्रवासी पक्षी कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले बर्ड वाचर कि पहली पसंद होते है।सुर्खाब यानि रैडी शैल डक का आकर्षण सबसे ज्यादा रहता है।विदेशी मेहमान पक्षी भोजन व प्रजनन के लिए सैकड़ो मील का सफ़र तय कर ठन्डे देशो से यहाँ पहुँचते है।
इस समय कोसी नदी में कई मेहमान पक्षियों के करलव से वातावरण गूँज रहा है।सालो से यह प्रवासी पक्षी यहाँ आ रहे है ।जिस वजह से पर्यटन से जुड़े लोगो कि जीविका भी चल रही है।जलाशयों में इनकी आमद के साथ साथ इनकी सुरक्षा कि बड़ी जिम्मेदारी वन महकमे पर है। जिसको लेकर वन महकमा चिंतित है।रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चन्द्रशेखर जोशी प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम की बात कर रहें है। इन पक्षियों के शिकार को रोकने के लिए सुबह शाम वन कर्मी नदियों और जलाशयों में गश्त कर रहे है |
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