रामनगर-शुक्रवार के दिन अपने परिवार के साथ दीपावली की खरीदारी करने कानिया गांव निवासी विजय जोशी की सारी खुशियां उस समय काफूर हो गयी जब विजय ने एक दुकान पर दीपों की दुकान से खरीदारी करके दुकानदार को भुगतान करने के लिए अपनी जेब में हाथ डाला। जेब का न केवल बारह हज़ार की नगदी रुपये से भरा पर्स गायब था बल्कि उनका आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी जो की पर्स में ही था, गायब हो चुका था। पर्स गायब होने का अर्थ विजय के लिए उसकी दीपावली की रौनक छीन लेने से कम न था।
असहाय निराश विजय इसे किसी जेबकतरे की करतूत समझकर बिना खरीदारी कर ही अपने घर वापस लौट आये। विजय की नजर में उनके पूरे परिवार की दीपावली की रौनक फीकी हो चुकी थी, लेकिन सच इसके खिलाफ था। दरअसल विजय पर्स गायब होना किसी जेबकतरे की करामात नहीं बल्कि उनकी खुद की लापरवाही थी, जिससे उनका पर्स असावधानीवश सुभाष बाजार में गिर गया था। विजय का पर्स बाजार के ही इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारी मोईन सैफी को मिला था। जिन्होंने पर्स मालिक की पूरी डिटेल अपने सोशल मीडिया के फेसबुक एकाउंट पर डालते हुए पर्स मिलने की सूचना सार्वजनिक कर दी। फेसबुक पर सूचना प्रसारित होते ही इसकी खबर किसी माध्यम से विजय तक भी जा पहुंची। जिस पर विजय ने फोन पर मोईन से संपर्क साधा। पर्स स्वामी के संपर्क करने पर मोईन ने विजय को अपनी दुकान पर बुलाकर उनकी नगदी से भरा पर्स विजय को सौंप दिया।
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