ऋषिकेश:तीर्थ नगरी ऋषिकेश से यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने गयी जिया बलूनी सुमि शहर में फँसी हुई है।उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए एक बंकर में पनाह ले रखी है।रूसी सेना शहर से 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर है।बाहर से बंकर में टैंकों के चलने की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही है।बंकर से वीडियो बनाकर जिया बलूनी और उनके सहपाठियों ने हालात बताते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय से वहाँ से निकालने की गुहार लगायी है।
छात्रों द्वारा बताया जा रहा है कि पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया देश जिया वाली लोकेशन से 15 से 20 घंटे की दूरी पर है।लगातार धमाके बहार से सुनाई दे रहे हैं।शेलिंग हो रही है। ऐसे में नींद भी नहीं आ रही है।
फाइटर आसमान में लगातार मंडरा रहे हैं।खाने के लिए ज्यादा राशन नहीं बचा है बच्चों के लिए, एटीएम में कैश नहीं है। माल, सुपर मार्ट ध्वस्त कर दिए गए हैं सेना ने ऐसे में हालात विकट होते जा रहे हैं।एकदूसरे से जोड़ने वाले रास्तो को रूसी सेना ने ध्वस्त कर दिया है। आप वीडियो में देख सकते हैं कैसे बच्चे रह रहे हैं। बंकर में फँसे हुए छात्रों के मुताबिक 12 सौ भारतीय विद्यार्थी बंकर में शरण लिए हुए है।जबकि बंकर में कुल 05 सौ विद्यार्थी अन्य देशों के मिला कर फँसे हुए है।
बता दे कि जिया बलूनी ऋषिकेश के भाजपा के नेता व राज्य आंदोलनकारी सरोज डिमरी की भांजी है।रविवार शाम ऋषिकेश की दो छात्राएं घर पर पहुँच चुकी हैं यूक्रेन से पहले बैच में आवास विकास की आयुषी राय और श्यामपुर की निशा ग्रेवाल.दोनों वाया मुंबई पहुंची है।
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