
रामनगर।संयुक्त संघर्ष समिति ने बस दुर्घटना में 36 लोगों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। तथा इसके लिए भाजपा सरकार की जनविरोधी परिवहन व स्वास्थ्य नीति को जिम्मेदार बताया है। समिति ने कहा कि घायलों को यदि समय पर इलाज मिल जाता तो बहुत सारे लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

समिति ने पहाड़ के सभी रूटों पर सरकारी बसें लगाई जाने तथा रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से बाहर कर ट्रॉमा सेंटर में तब्दील करने व मृतकों के परिजनों को 20 लाख व घायलों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।
संघर्ष समिति के संयोजक ललित प्रीति व महेश जोशी ने रामनगर अस्पताल में पहुंचे भाजपा सांसद अजय भट्ट का घेराव कर उनसे पूछा कि स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के नाम पर पीपीपी मोड पर दिए गए सरकारी अस्पताल से घायलों को बाहर क्यों रेफर किया जा रहा है। अस्पताल में अनुबंध के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध क्यों नहीं है। इस पर सांसद अजय भट्ट इसका कोई भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए और उन्हें जनता के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा।
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