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अयोध्या(उत्तर प्रदेश):उत्तराखंड,यूपीऔर राजस्थान इन तीन राज्यों में ठगी की घटना को अंजाम देने वाले शातिर महाठग को यूपी पुलिस ने अयोध्या से गिरफ्तार किया है। शातिर ठग खुद को बीजेपी का वरिष्ठ पदाधिकारी बता कर लोगो से ठगी करता था।नकली आन बान शान देखकर लोग इसके झांसे में आ जाते थे।जिनको यह आसानी से ठगी का शिकार बना लिया करता था।क्या है इस महाठग अनूप चौधरी की कहानी आपको बताते है।
बता दे कि यूपी एसटीएफ ने करोड़ों रुपए की ठगी के मामले में अनूप चौधरी को अयोध्या से उस समय गिरफ्तार किया जब यह मंदिर में दर्शन के लिए जा रहा था।इस शातिर महाठग पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान राज्यों में तकरीबन 10 मुकदमे दर्ज हैं।उत्तराखंड पुलिस ने तो इस ठग पर 15 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है।
महाठग अनूप चौधरी कैसे दिखाता था नेतागिरी की धौंस:
गौरतलब आरोपी अनूप चौधरी स्वयं को लोगो के सामने बीजेपी का वरिष्ठ पदाधिकारी बता कर रौब जमाता था।अनूप सबको बताता था कि वह महाराष्ट्र बीजेपी के अनुसूचित मोर्चे का पदाधिकारी, बीजेपी युवा मोर्चा का बिहार सह प्रभारी और बीजेपी अनुसूचित मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य भी रह चुका है।ट्वीटर अकाउंट पर उसने अपने आप को भारत सरकार का सदस्य और यूपी सरकार का पूर्व सदस्य भी लिख रखा है।लोगो पर अपना रौब जमाने के लिए लग्जरी गाड़ी के साथ अपना ओएसडी और सरकारी गनर भी रखता है।
लोगो को झांसे में लेकर ठगी करने के लिए अनूप चौधरी ने एक कंपनी बना रखी थी।यह खुद को बीजेपी का सक्रिय सदस्य दिखाने के लिए वह अपने ट्विटर और फेसबुक पेज पर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य बड़े नेताओं की योजनाओं की सराहना करता रहता था।इसने रेल मंत्रालय की क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति और भारतीय खाद्य निगम का सदस्य बताकर भी फर्जीवाड़ा किया है।
यह शातिर व्यक्ति भाजपा नेता बनकर मीडिया चैनलों को इंटरव्यू भी दे चुका है।आरोपी अनूप प्रधानमंत्री के काम को आम जनता तक पहुंचाने के नाम पर विभिन्न राज्यों में सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाता था।सरकारी गेस्ट हाउसों में रुकने से लेकर पुलिस एस्कार्ट तक के लिए फर्जीवाड़ा करता था। वह जिस राज्य में अपने ठगी के धंधे को अंजाम देने जाता था, फर्जी लेटरपैड भेजकर वीआईपी प्रोटोकॉल दिए जाने की मांग करता था। उसका तामझाम देखकर अफसर भी ज्यादा पूछताछ नहीं किया करते थे। अनूप ने बाकायदा श्रीनिवास नराला नाम के एक व्यक्ति को अपना ओएसडी नियुक्त कर रखा था। सरकारी सुविधाओं की मांग संबंधी लेटर और ईमेल वगैरह भेजने का काम यही करता था।इसमें गौर और हैरान करने वाली बात यह है की इसकी फर्जी नेतागिरी की धमक से गच्चा खाकर गाजियाबाद पुलिस सालो से इसे सुरक्षा उपलब्ध करा रही थी।
बता दे कि सोमवार को जब यह शातिर ठग यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा तो उस समय यह अयोध्या में मंदिर दर्शन को जा रहा था।स्कॉर्पियो गाड़ी में आगे की सीट पर पवन कुमार नाम का सरकारी गनर बैठा हुआ था। उसने एसटीएफ को बताया कि उसकी तैनाती गाजियाबाद पुलिस में है।पूछताछ में एसटीएफ को पता चला कि ठग अनूप चौधरी एक ठगी को अंजाम देने के लिए अयोध्या के सर्किट हाउस में रुका हुआ था।वह एक लखनऊ कारोबारी सतेंद्र को झूठ बोलकर अयोध्या लाया था।
सतेंद्र ने एसटीएफ को बताया कि अनूप और उनकी मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई थी। वह तीर्थस्थलों पर दर्शन करवाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा को लेकर एक कंपनी बनाना चाहता था। वह उनको इस कंपनी का पार्टनर बनाना चाहता था।इससे पहले अनूप एक ओर ठगी का शिकार बनाने में कामयाब हो पाता एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
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