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हाईकोर्ट के विलीनीकरण पर स्टे के बावजूद ऊधम सिंह नगर में राजकीय प्राथमिक विद्यालयों का कर दिया विलीनीकरण!

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उधमसिंह नगर-सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के विलीनीकरण के आदेश पर हाईकोर्ट द्वारा लगी रोक के बाबजूद जिलाधिकारी उधम सिंह नगर द्वारा जिले में विभिन्न विद्यालयों का विलीनीकरण कर दिए जाने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिकाकर्ता किच्छा निवासी डॉ०गणेश उपाध्याय ने खटीमा ब्लॉक के चांदपुर , दियां, मझोला, बिरिया तथा गुर्जरबस्ती केे राजकीय प्राथमिक विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान डॉ० गणेश उपाध्याय ने उपस्थित ग्रामीणों और बच्चों के अभिभावकों, विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों से उनके विद्यालय के अन्यत्र विलीनीकरण पर विचार विमर्श किया।

अभिभावकों ने स्पष्ट शब्दों मे उत्तराखण्ड सरकार के विद्यालय विलीनीकरण पर कड़ी नाराजगी जताई। ग्रामीणों का कहना था कि हाईकोर्ट की विलीनीकरण पर रोक के आदेश के बावजूद राजकीय प्राथमिक विद्यालय चांदपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय मझोला तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय गुर्जरबस्ती का विलीनीकरण कर दिया गया। उत्तराखण्ड सरकार व जिलाधिकारी उधम सिंह नगर की हठधर्मी के कारण विद्यालयों को बन्द कर दिया गया। इस मौके पर ग्राम पंचायत बिरिया के प्रधान रविन्द्र सिंह , विद्यालय प्रबन्ध समिति अध्यक्ष विक्रम सिंह, मथुर सिंह, नीरज राणा, जिला पंचायत सदस्य गांगी, गुर्जरबस्ती प्राथमिक विद्यालय प्रबन्ध समिति अध्यक्ष, ग्राम प्रधान मझौला तथा सविता देवी, संगीता, मानवती, निशा, लता, विनोद, भोले सिंह, किशनलाल, रमेश, याकूब, यामीन, सिराज अहमद, रीता देवी, सुलोचना, अब्दुल गफ्फार, मो0 अली, रफीक, अब्दुल करीम, यासीन, अब्दुल रउफ,गायत्री, जमुना देवी, ओमप्रकाश, सीमा, सन्जू, लक्ष्मी, गुड़िया सहित सैंकड़ों अभिभावक मौजूद थे।

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विद्यालयी शिक्षा सचिव, उत्तराखण्ड शासन के द्वारा निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा को जारी आदेश संख्या 964/XXIV(1)/2017-25/2017 दिनांक 15 सितम्बर 2017 में स्पष्ट लिखा गया है कि आरटीआई मानकानुसार 1 किमी की दूरी के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय उपलब्ध होने की स्थिति में ही 10 या 10 छात्र संख्या से कम वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालयों का विलीनीकरण किया जा सकता है। बावजूद इसके जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर व शिक्षा विभाग ने 2 से 4 किमी दूर स्थित 10 छात्रों से अधिक छात्र संख्या वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालयों का विलीनीकरण कर दिया। यह शिक्षा के अधिकारी अधिनियम-2009 के अन्तर्गत विद्यालय स्थापना से सम्बन्धित प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।

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विलीनीकरण मामले पर हाईकोर्ट उत्तराखण्ड में जनहित याचिकाकर्ता डॉ० गणेश उपाध्याय ने खटीमा ब्लाॅक के विलीनीकरण किये गये राजकीय प्राथमिक विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण किया तो स्थिति की गम्भीरता का आंकलन हुआ। विलीनीकरण किये गये राजकीय प्राथमिक विद्यालयों को 10 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों का विलीनीकरण 2 से 4 किमी दूर स्थित प्राथमिक विद्यालयों में विलीन कर दिया गया है। विलीन हुए राजकीय प्राथमिक विद्यालय चांदपुर में 15, गुर्जरबस्ती में 23 छात्र होने के बावजूद विलीनीकरण किया गया। जिसके कारण मासूम नौनिहालों ने विद्यालय जाना छोड़ दिया है। ये छोटे छोटे बच्चे कई कई किमी दूर के विद्यालयों में जाकर पढ़ने जाने मे असमर्थ है। ऐसे में उनके पास स्कूली पढ़ाई छोड़ने के अतिरिक्त कोई और रास्ता नही है।

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डॉ० गणेश उपाध्याय ने कहा कि उन्होने प्रत्येक विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण किया है। हाईकोर्ट के विलीनीकरण पर रोक के बावजूद विलीनीकरण किया गया है। साथ ही विलीनीकरण के विद्यालयी शिक्षा सचिव के आदेश का भी खुला उल्लंघन किया गया है। मै जल्द ही शिक्षा का अधिकार 2009 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर उत्तराखण्ड सरकार व जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने जा रहा हूं। हमारे संविधान के अनुसार प्रत्येक बच्चे को प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करना मौलिक अधिकार है।