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अन्तर्राज्यीय एटीएम जालसाज गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़,एटीएम से पैसा निकालने के लिए अपनाते थे यह ट्रिक पढ़े।

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काशीपुर।अन्तर्राज्यीय एटीएम जालसाज गैंग को पकड़ने में काशीपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है जबकि मुख्य सदस्य फरार है।आरोपियों के पास से पुलिस को विभिन्न बैंकों के 10 एटीएम, आईसीआईसीआई बैंक की स्वैप मशीन, पेटीएम मशीन, एक प्लास, फेवीक्विक के पैकेट,एक एसयूवी कार और 46 हजार 300 कैश बरामद हुए।बीते दिनों दिनों काशीपुर रेलवे कॉलोनी निवासी अमीरचंद ने एटीएम से 21 हजार रुपये और काजीबाग कटोराताल निवासी राजेश ने एटीएम से 75 हजार रुपये उड़ाना का मामला दर्ज कराया था।जिसके बाद पुलिस ने जालसाजों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया था।


एसएसपी उधमसिंह नगर मंजूनाथ टीसी ने मंगलवार को खुलासा करते हुए बताया कि दो लोगो के साथ हुई एटीएम जालसाजी का मामला दर्ज होने के बाद इसे गंभीरता से लेते हुए एक टीम का गठन किया गया।ओस टीम को संदिग्ध लोगों पर नज़र रखने के निर्देश दिए गये।जिसके बाद पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए बैंकों के इर्द-गिर्द संदिग्धों पर निगरानी रखनी शुरू कर दी।पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि एक बिना नम्बर की काले रंग की एसयूवी कार घूम रही है।पुलिस ने तुरन्त हरकत में आते हुए काले रंग की कार समेत उसमें बैठे तीन युवकों को धरदबोचा।युवकों से पूछताछ की गई जिसके बाद पुलिस के सामने कई चौकाने वाले पहलू सामने आये।पूछताछ में उन्होंने अपना नाम रोहित कुमार निवासी गौतम बुधनगर, नाजिम निवासी शाहबाजपुर भवानीपुर थाना संभल ,और तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम मनीष कुमार बताया। उन्होंने यह भी बताया कि एक उनका चौथा साथी चंद्रशेखर निवासी  छजारसी कॉलोनी गौतम बुधनगर अभी फरार है।

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जालसाजों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि नौ अक्टूबर को काशीपुर क्षेत्र में आईसीआईसीआई बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम में फेवीक्विक लगाकर कस्टमर के एटीएम को एटीएम मशीन में फंसा दिया। कस्टमर के जाने के बाद एटीएम मशीन से निकालकर रुपए निकालने की बात बताई।

आरोपियों ने बताया कि उनका चार लोगों का अपना गिरोह है। सबसे पहले उनका एक साथी एटीएम में जाकर फर्जी टोल फ्री नंबर एटीएम मशीन के ऊपर रख देता है। उसके बाद वही आदमी एटीएम केबिन में फेवीक्विक लगाकर एटीएम से बाहर आ जाता है। जैसे ही कोई कस्टमर एटीएम में रुपये निकालने जाता है और एटीएम मशीन में एटीएम डालकर रुपए निकालता है, एटीएम कार्ड मशीन में ही फंस जाता है।एटीएम ना निकलने पर उनका दूसरा साथी रुपए निकालने के बहाने एटीएम में जाता है और कस्टमर से समस्या पूछता है। जब कस्टमर उनके साथी को बताता है कि कार्ड एटीएम में फंस गया तब उसका साथी कस्टमर को फर्जी टोल फ्री नंबर पर कॉल करने को कहता है। उनका तीसरा साथी जो फर्जी कस्टमर केयर बना होता है वह कस्टमर को दोबारा एटीएम डायल करने को कहता है। जिसे एटीएम में खड़ा उनका आदमी नोट कर लेता है।उसके बाद उनका फर्जी कस्टमर केयर का आदमी कस्टमर से कहता है कि एटीएम मशीन खराब हो गई है। शाम को हमारा इंजीनियर आएगा, आपको कॉल करके आपका एटीएम दे दिया जाएगा। कस्टमर के जाने के बाद वे एटीएम कार्ड को इलेक्ट्रिक प्लास से खींच कर मशीन से निकाल लेते हैं और बैलेंस चेक करते हैं। यदि खाते में ज्यादा धनराशि है तो उसे वह मशीन के माध्यम से अपने कोटक महिंद्रा के खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं।

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अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने इनके पास से स्वैप मशीन, पेटीएम मशीन, 1 इलेक्ट्रिक प्लास, फेवीक्विक के पैकेट और एक काले रंग की एक्सयूवी कार बरामद करते हुए 46 ,300 रुपए नगद बरामद किए हैं।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने पुलिस ने टीम को ₹10000 रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की साथ ही डीआजी कुमाऊँ से आग्रह किया है कि खुलासा करने वाली पुलिस टीम को कैश रिवार्ड देने की कृपा करें।शातिर जालसाजों को पकड़ने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले तीन पुलिस कॉन्स्टेबल प्रेम कनवाल,देवेंद्र पाण्डे और अनिल मनराल को पुलिस ऑफ दा मन्थ के लिए नॉमिनेट किया है।उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वह अपना एटीएम का पिन नंबर किसी को ना दें और संदिग्ध व्यक्तियों के विषय में पुलिस को सूचित करें।