उत्तरकाशी |सैनिक दीपावली मेले में पूर्व सैनिक कल्याण समिति द्वारा संदीप गुंसाई को सम्मानित किया गया |संदीप गुंसाई को यह सम्मान उन्हें पिछली छः वर्षो से जिला व् राज्य स्तरीय विभिन्न प्रकार की धावक (दौड़ )प्रतियोगिता में हमेशा प्रथम स्थान पाने वाले उत्तरकाशी जनपद में पहले युवा हैं,बल्कि यह कहना गलत नहीं होगा की उत्तराखण्ड में पहले ऐसे युवा होंगे जो अपने जिले और राज्य की दौड़ प्रतियोगिता में अपने प्रतिस्पर्धी को प्रथम स्थान पाने का मौका ही नही देते।बावजूद इसके तमाम सम्मान और टॉफी पाने के बाद आज यह प्रतिभाशाली धावक संशाधनों के आभाव में अपनी प्रतिभा को बढ़े मंच पर नही दिखा पाया है।यदि उत्तराखण्ड सरकार का थोड़ा सा ध्यान और मदद इस धावक को मिल जाये तो ओलम्पिक में अपने देश को मेडल जीतने की चाह रखने वाला संदीप अपनी प्रतिभा का ज़ोहर दिखा सकता है।
संदीप गुंसाई ने वर्ष 2016 में जनपद स्तरीय दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी खेल प्रतिभा का आगाज़ किया था ।तब से लेकर आज तक विभिन्न दौड़ प्रतियोगिता में सदैव प्रथम रहे है।दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान को पाने की लत बना चुके संदीप ने किसी को भी अपने से आगे निकलने नही दिया।वह अब तक छः वर्षो से 40 से अधिक जनपद व राज्य स्तरीय दौड़ प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं और सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर विजयी रहे हैं।
संदीप 5 किलोमीटर की क्रॉस कंट्री रेस में अव्वल रहे है।उन्होंने 21 किलोमीटर की मैराथन दौड़ में प्रथम स्थान हासिल कर ट्रॉफी जीती।वहीं 21 किलोमीटर की हिल्स मैराथन दौड़ को 1घण्टा 19 मिनट में पूरा कर अपनी जीत का लोहा मनवाया।इसके अलावा 5 किलोमीटर,10 किलोमीटर क्रॉस कंट्री दौड़ प्रतियोगिता को जीत कर विजयी रहे।वर्ष 2018 में राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ में दौड़ प्रतियोगिता में अपनी आदत के मुताबिक प्रथम स्थान हासिल कर स्कूटी जीती।इसके अलावा जनपद व राज्य स्तरीय दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर 800 मीटर,1500 मीटर,3000 मीटर,5000 मीटर को जीत कर चैम्पियन रहे है,और पिछले छः वर्षो में विजयी रह कर जनपद उत्तरकाशी के चैम्पियन बने है।
संदीप गुंसाई की तमाम उपलब्धियों से खुश होकर जन प्रतिनिधियों और प्राशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें बहुत से सम्मान,इनाम और इकराम से नवाजा गया।यहाँ तक कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उत्तरकाशी नगर पालिका ने नशे में डूबती हुई आज की युवा पीढ़ी को जागृत करने के लिए संदीप को नशामुक्ति अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया।
इतनी ट्रॉफिया,मान-सम्मान पाने के बाद भी उत्तरकाशी जिले के छोटे से गाँव डुंडा के रहने वाले संदीप आज भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए बड़े मंच की तलाश में जुटे है।
पहाड़ टुडे से फोन पर बात करते हुए संदीप गुंसाई ने बताया कि वह अपने गाँव डुंडा से उत्तरकाशी मनेरा स्टेडियम 17 किलोमीटर की दूरी तय करके प्रैक्टिस के लिए रोज जाते है।उन्होंने सभी प्रकार की दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लेकर 2016 से जिले में प्रथम स्थान हासिल कर चैम्पियन बनते आ रहे है।काफी सम्मान और इनाम से उन्हें नवाज़ा गया है।लेकिन वह इन उपलब्धियों से संतुष्ट नही हैं।वह देश के लिए ऑलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने की इच्छा रखते है।पहाड़ टुडे से उन्होंने अपने निराशा भरे स्वर में कहा कि आर्थिक स्थिति और संसाधनों की कमी बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है।जिसके चलते उन्हें बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका नही मिला है।
खेल मंत्री कृपया ध्यान दे।
उत्तराखण्ड सरकार में खेल मंत्री रेखा आर्या खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने की बात करती है इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड में बदहाल स्थिति से गुजर रहे खेल के मैदानों की स्थिति को सुधारने के लिए स्पोर्ट्स डवलपमेंट फंड बनाने की कवायद शुरू की थी।बावजूद इसके खेल के मैदानों को सुधारने के साथ साथ खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को निखारने में मदद उन्हें आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी पॉलिसी तैयार करने की आवश्यकता है ताकि संदीप गुंसाई जैसी प्रतिभा कही पहाड़ की वादियों में ही सिमट कर न रह जाये।
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