रामनगर-राष्ट्रीय मंच के आह्वान पर पेंशन बहाल किये जाने की मांग को लेकर कर्मचारी शिक्षकों ने उपवास रखा।उपवास कार्यक्रम का आयोजन फॉरेस्ट कम्पाउंड रामनगर के संघ भवन कार्यालय में आयोजित किया गया ।
उपवास स्थल पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए कर्मचारी शिक्षक संगठन के मण्डलीय अध्यक्ष शिक्षक नेता नवेंदु मठपाल ने नई पेंशन स्कीम की खामियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने कहा वर्ष 2004 में बाजपेयी सरकार के समय प्रारंभ की गई नई पेंशन स्कीम किसी भी कर्मचारी शिक्षक के हित में नही है।इस पेंशन का इतना जबरदस्त दुष्परिणाम है पचास हजार रुपये मासिक वेतन वाले कर्मचारियो को मात्र 3000 रुपये की पैंशन ही मिल रही है।मामला सिर्फ इतना ही नही है सरकार ने जिस प्रकार कर्मिकों की जी पी एफ का हजारों करोड़ रुपया शेयर मार्केट में लगा दिया है इससे स्थिति और भी बदतर हो गयी है।मोदी सरकार भी जिस प्रकार निजीकरण की नीतियों को तेज करते हुए पचास बर्ष से ऊपर के कार्मिकों को जिस प्रकार जबरदस्ती रिटायरमेंट देने पर तुली है इससे स्थिति और भी भयावह हो जाएगी।सराकरी पदों जो समाप्त कर रोजगार के अवसरों को समाप्त किया जा रहा है।नवेन्दु ने कहा हमारी एकजुटता ही सरकार को पुरानी पेंशन देने को मजबूर कर सकती है।
20 सितम्बर से 30 सितम्बर के मध्य अपनी माँग के समर्थन में ज्ञापन दिए जायेंग।उनसे अपील की जाएगी कि वे मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर अपनी ओर से पत्र भेजें।उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना में जी पी एफ से निकासी की योजना नही है।अगर कार्मिक के साथ कोई दुर्घटना हो गयी तो कार्मिक के परिवार को नई पेंशन योजना में किसी भी प्रकार का कोई लाभ नही मिलेगा।नई पेंशन स्कीम में कार्मिक के रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली समस्त धनराशि आयकर से भी मुक्त नही है अर्थात 40 फीसदी धनराशि कार्मिक को मिलेगी ही नही.नई पेंशन योजना में कार्मिक द्वारा जमा की गई धनराशि में भी भारी अनियमितता की खबरें लगातार आ रही हैं जिससे कर्मचारी शिक्षक और भी ज्यादा हतोसहित हो रहा है।
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