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शिक्षण दस्तावेज असली और मास्साब निकले नकली ।

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देहरादून-शिक्षकों की प्रमाण पत्रों को लेकर चल रही एसआईटी जाँच में दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र असली निकले परन्तु शिक्षक फर्जी पाये गये।जिसके बाद से दोनों ही शिक्षक अपने घर से फरार है।एसआईटी इन दोनों शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

मामला जसपुर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षकों के पद पर विराजमान होकर ऐश की नोकरी कर रहे थे।उत्तराखण्ड में फर्जी शिक्षकों के मामले सामने आने लगे तो शासन ने एसआईटी टीम का गठन कर दिया।बता दे कि वर्ष 2014 में एसआईटी ने उनके दस्तावेज भी जाँच के लिए माँगे इसी दौरान एसआईटी को सूचना मिली कि दो शिक्षक फ़र्ज़ी है।

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जिसके बाद गहनता से जाँच करते हुए टीम ने उनको ट्रेस किया जिसमे पता चला के शिक्षक सहारनपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। एक सिपाही को जाँच के लिए सहारनपुर हाईस्कूल औऱ इंटरमीडिएट की मार्कशीट लेकर भेजा।वहाँ जाँच में पाया गया कि मार्कशीट में दोनों शिक्षक नकली निकले यानी दस्तावेज असली और नोकरी कर रहे शिक्षक फर्जी थे।जिसके बाद एसआईटी टीम दोनों शिक्षकों को पकड़ने के लिए सहारनपुर उनके गाँव पहुँची तो दो शिक्षक घर से लापता थे।जिसकी जानकारी जसपुर ब्लॉक के अंतर्गत मुख्य शिक्षाधिकारी को दी।

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एसआईटी इंचार्ज प्रमिला भट्ट ने कहा कि दोनों फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है।कहा इससे पहले अन्य दो शिक्षकों के साथ भी इसी तरह का मामला आ चुका है।सितारगंज के शिक्षक को मिली थी मृतक आश्रित कोटे में नौकरी कर रहा घा।रुद्रपुर सितारगंज के चीकाघाट स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर मुकेश कुमार का मामला 1997 का है। मृतक आश्रित कोटे में उन्हें नौकरी मिली थी। उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी हासिल की थी। एसआईटी इंचार्ज प्रमिला भट्ट ने कहा मुकेश को जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से निलंबित कर दिया है। इसकी रिपोर्ट देहरादून भी कर दी गई है।