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रेडियो टेलीमेट्री तकनीकी के ज़रिए वन्यजीवों की निगरानी करना होगा आसान इसके लिए कॉर्बेट के वन्यजीव प्रशिक्षण केंद्र कालागढ़ में दिया गया प्रशिक्षण

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रामनगर (उत्तराखंड):कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के वन्य जीव प्रशिक्षण केंद्र कालागढ़ में टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन फॉर सीटीआर  तथा डब्लू डब्लू एफ इण्डिया के सहयोग और निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के मार्ग दर्शन में बाघ व अन्य वन्यजीवो की निगरानी के लिए रेडियो टेलीमेट्री (redio telemetry for tiger monitoring)एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया साथ ही इससे सम्बन्धित उपकरणों का प्रशिक्षण भी दिया गया|इस कार्यशाला में कॉबेट टाइगर रिजर्व व कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग के फील्ड अधिकारियों , कर्मचारियों ने भाग लिया |

मिली जानकारी के अनुसार कार्यशाला में डब्लू. डब्लू. एफ.इण्डिया के कोर्डिनेटर डॉ.मिराज अनवर ने बाघ की वास स्थलों वह उसके व्यवहार के विषय में जानकारी दी|कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ.धीरज पांडे द्वारा redio telemetry for tiger monitoring के लाभ और इसके महत्व के बारे बताया|डब्लू.डब्लू.एफ. इण्डिया के डॉ. आर.जी.अरिंदरन ने रेडियो टेलीमेट्री उपकरणों का प्रशिक्षण देते हुए,इन उपकरणों के प्रयोग के विषय में बताया|

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उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि इस उपकरण के माध्यम से कैसे वह किसी भी जीव जंतुओं जैसे एशियाई हाथी,तेंदुआ,पायथन,किंग कोबरा, महाशीर मछली और गिद्ध आदि जीव जंतुओं को ट्रैक कर सकते हैं|डॉ. अरिंदरन ने सभी प्रतिभागियों को फील्ड में ले जाकर रेडियो कॉलर और रिसीवर के माध्यम से प्रैक्टिकल करा कर प्रशिक्षित किया| उन्होंने एक डेमोस्ट्रेशन देते हुए कुछ समय पहले कालागढ़ से राजाजी नेशनल पार्क में ट्रांसलॉकेट की गई मादा बाघ का ऑनलाइन सेटेलाइट कॉलर के माध्यम से मॉनिटरिंग करके दिखाया गया |

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इस विषय में डब्लू. डब्लू. एफ.इण्डिया के कोर्डिनेटर डॉ.मिराज अनवर ने पहाड़ टुडे को बताया कि इस प्रशिक्षण का मकसद रेडियो टेलीमेट्री के उपकरणों के विषय में फील्ड अधिकारियों वन कर्मचारियों को जानकारी देना था तथा प्रशिक्षण के माध्यम से इस तकनीकी का प्रयोग कैसे किया जाता बताना था।

उन्होंने बताया की मानव वन्यजीव संघर्ष मामले में यह टेक्नोलोजी अधिक कारगार सिद्ध हो सकती है।इसके माध्यम से हमलावर बाघ की लोकेशन को चिन्हित किया जा सकता है उसकी एक्टिविटी पर नज़र रखी जा सकती है।

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बता दे कि इस कार्यशाला में डॉ.धीरज पांडे,निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व,आशुतोष सिंह उपवन संरक्षक कालागढ़,अमित कुमार ग्वाशकोटी पार्क वार्डन, उपप्रभागीय वनाधिकारी कालागढ़ शालिनी जोशी, डॉ.दुष्यंत वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व,हरीश नेगी उपप्रभागीय वनाधिकारी सोनानदी एवम वन क्षेत्राधिकारी कालागढ़,झिरना, बिजरानी, सर्पदुली,ढिकाला,शोध,कॉर्बेट वन्यजीव प्रशिक्षण केंद्र एवं रेस्क्यू के अलावा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 06 प्रशिक्षु एसीएफ,35 प्रशिक्षणरत वन आरक्षी प्रशिक्षु,कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के त्वरित प्रतिक्रिया दल के 06 सदस्य और विभिन्न रेंजो के फील्ड स्टाफ मिलाकर कुल 80 अधिकारियों कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया |