उत्तराखंडकुमाऊंनैनीताल

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी मंच रामनगर ने राज्य आंदोलनकारीयों एवं उनके आश्रितों के लिए सरकार द्वारा 10% क्षैतिज आरक्षण दिये जाने को कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण तथा शहीदों का अपमान बताया ।

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रामनगर।उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी मंच रामनगर ने राज्य आंदोलनकारीयों एवं उनके आश्रितों के लिए सरकार द्वारा 10% क्षैतिज आरक्षण दिये जाने को कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण तथा शहीदों का अपमान बताया है। राज्य आंदोलनकारीयों ने 2 अक्टूबर को मुज़फ्फरनगर कांड के जिम्मेदार दोषी अधिकारियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर शहीद पार्क में धरना देने का निर्णय लिया है।


नगर पालिका परिसर स्थित ग्रीन वैली रेस्टोरेंट में मंच के संयोजक चंद्रशेखर जोशी की अध्यक्षता एवं प्रभात ध्यानी के संचालन में संपन्न बैठक में पूर्व दर्जा मंत्री चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन कारियों की शहादत , दमन उत्पीड़न के बाद अस्तित्व में आए उत्तराखंड में सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारी एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण दिए जाने को कुछ कोचिंग सेंटरों के मालिकों द्वारा विरोध करने एवं उच्च न्यायालय में चुनौती देने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शहीदों का अपमान बताया। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि देश एवं राज्य के लिए योगदान करने वालों का हमेशा देश एवं प्रदेश की सरकारों द्वारा उनका सम्मान एवं सुविधा देना देश की परंपरा रही है। ऐसे में जिनकी शहादत के बाद राज्य का निर्माण हुआ ,उनको मिलने वाले सम्मान एवं सुविधाओं को लेकर कुछ लोगों द्वारा विरोध करना, मामले को न्यायालय में ले जाना दुर्भाग्यपूर्ण एवं राज्य विरोधी है। बैठक में प्रतिबंधित नशे के कारण बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी,बढते अपराधों ,दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई तथा इसके खिलाफ आम जनता को एकजुट होने की जरूरत है। बैठक में राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर से पूर्व देहरादून में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन ,रैली आयोजित करने को सभी से बातचीत करने, राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर को कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में धीरेंद्र प्रताप, प्रभात ध्यानी, पुष्कर दुर्गापाल, अनिल अग्रवाल खुलासा, पान सिंह नेगी,राजेंद्र खुल्बे, रईस अहमद, दिनेश सत्यवली, चंद्रशेखर जोशी आदि थे।

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