बागेश्वर(उत्तराखंड):वन विभाग और एसओजी की संयुक्त टीम ने भालू के पित्त के साथ तीन तस्करो को गिरफ्तार किया है।तस्करो से बरामद 3 पित्त की कीमत लगभग 35 लाख रुपये आँकी जा रही है।तीनो तस्करो पर वन्यजीव अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए न्यायालय मे पेश करने की कवायद अमल मे लायी जा रही है।
सोमवार को कोतवाली मे पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद कोंडे ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एसओजी और वनविभाग टीम चैकिंग अभियान पर थी।पौड़ी बैंड से पहले ताकुला मार्ग पर निर्माणाधीन बस स्टॉप पर तीन लोग खड़े थे।तीनो पर पुलिस को कुछ शक हुआ।जिस पर तीनो से पूछताछ व तलाशी ली गयी।तलाशी दौरान तीनो के पास से भालू के 340.62 ग्राम वजन के तीन पित्त बरामद हुए।जिनकी बाज़ार मे कीमत लगभग 35लाख रुपये आँकी जा रही है।पुलिस पूछताछ मे पता चला है कि यह तीनो आरोपी उच्च हिमालयी वन क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का शिकार कर बाहरी जिलों और राज्यों में तस्करी करते थे और उन्हे ऊँचे दामो पर बेचते थे।
गिरफ्तार तीनो आरोपी कपकोट के झूनी गांव निवासी डिगर सिंह पुत्र सूप सिंह 55 वर्ष, खोलियागांव चौंरा निवासी मनोज उपाध्याय पुत्र रमेश चंद्र उपाध्याय 30 वर्ष और मिकिला खलपट्टा निवासी जगत सिंह पुत्र प्रताप सिंह 52 वर्ष बागेश्वर के है।इनमे से एक आरोपी पर डीगर सिंह एनडीपीएस मामले मे पहले से ही दोषमुक्त है बाकी दो आरोपियो की कुंडलियां पुलिस खंगालने मे जुटी है।
तीनों आरोपियों के विरुद्ध 19/39/49, ख/51/56/57, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधित 2006 के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।आरोपियों को अदालत में पेश करने की कार्यवाही की जा रही है।वही एसपी ने टीम को दस हज़ार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।
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