उत्तराखंडकुमाऊंनैनीताल

कॉर्बेट के ढेला रेस्क्यू सेंटर से दो आदमखोर बाघों को देहरादून चिड़ियाघर भेजा गया

ख़बर शेयर करें

पहाड़ टुडे से जुड़ने के लिए नीचे दिए हुए लिंक बटन पर क्लिक करे।पहाड़ टुडे पर विज्ञापन प्रसारित करने के लिए सम्पर्क करे।

रामनगर(उत्तराखंड):कॉर्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा रेस्क्यू कर पकड़े गए दो आदमखोर बाघों को देहरादून के चिड़ियाघर मालसी भेज दिया गया है।कॉर्बेट प्रशासन ने चिड़ियाघर भेजने की कार्यवाही से पहले दोनो बाघों का स्वास्थ परीक्षण किया गया जिसके बाद दोनो ही बाघों को देहरादून भेजने की कार्यवाही अमल लाई गई।

जानकारी के मुताबिक आज मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखंड की अनुमति के बाद सोमवार को कॉर्बेट के ढेला रेस्क्यू सेंटर से दो आदमखोर बाघों को देहरादून चिड़ियाघर के लिए भेज दिया गया है।बताया जा रहा है कि इन दोनो बाघों को अलग क्षेत्रों से रेस्क्यू किया गया था,जिनको कॉर्बेट के ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था।इन आदमखोर बाघों में से एक बाघ को कॉर्बट टाइगर रिजर्व की सर्पदुली रेंज के अंतर्गत धनगढ़ी क्षेत्र से ट्रेंकुलाइज किया गया था।इस बाघ ने ढिकाला के पनोद क्षेत्र में कर्मचारी पर हमला किया था।जबकि दूसरे बाघ को तराई केंद्रीय वन प्रभाग के दानीबंगार अल्मोड़ा क्षेत्र से ट्रेंकुलाइज किया गया था।बताया जा रहा है कि दोनो बाघों की उम्र चार से छः वर्ष है।

यह भी पढ़ें 👉  पिथौरागढ़ जिले की वासुकीनाग पंपिंग योजना की खराब गुणवत्ता पर उक्त योजना को श्रमदान घोषित कर योजना के पुनरनिर्माण के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश।

कॉर्बेट पार्क के उपनिदेशक दिगंत नायक ने बताया चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की अनुमति के बाद दो टाइगरों को कॉर्बेट पार्क के ढेला रेस्क्यू सेंटर से देहरादून जू भेजा गया है।उन्होंने बताया कि जब बाघों की आदमखोर के रूप में पहचान हो जाती है तो उन्हें जू भेजने की कार्रवाई की जाती है।फिलहाल अब कॉर्बेट पार्क के ढेला रेस्क्यू सेंटर में 7 बाघ और 9 गुलदार मौजूद हैं।जिनको अलग-अलग क्षेत्र से रेस्क्यू कर लाया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 55वें संस्करण में उत्तराखंड नई फिल्म नीति 2024 को सराहा गया।

स्थानान्तरण किये जाने वाली टीम के साथ कार्बेट टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी, देहरादून जू के पशुचिकित्साधिकारी, रेंज अधिकारी, देहरादून जू, कार्बेट टाइगर रिजर्व के त्वरित कार्यवाही दल के अन्य सदस्य, एस०ओ०जी० टीम तथा पुलिस व वन विभाग के एस्कॉर्ट वाहन सम्मिलित हैं।