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कार्बेट टाइगर रिजर्व में दो दिवसीय घासभूमि प्रबंधन कार्यशाला सम्पन्न

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विशेषज्ञों ने सिखाए चौड़ विकास और खरपतवार नियंत्रण के आधुनिक तरीके

रामनगर (नैनीताल)। कार्बेट टाइगर रिजर्व में दो दिवसीय चौड़ प्रबंधन कार्यशाला (Grassland Management Workshop) का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कार्बेट वन्यजीव प्रशिक्षण केंद्र, कालागढ़ में WWF के सहयोग से सम्पन्न हुई।

कार्यशाला के दूसरे दिन (11 नवंबर 2025) पार्क वार्डन और उप प्रभागीय वनाधिकारी बिंदर पाल ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए रिजर्व में चल रहे चौड़ प्रबंधन कार्यों पर प्रकाश डाला।

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पर्यावरण विज्ञान विभाग, अमरावती विश्वविद्यालय (महाराष्ट्र) के प्रोफेसर डॉ. गजानन मुरातकर और WWF इंडिया के कोऑर्डिनेटर डॉ. मिराज अनवर ने ग्रासलैंड डेवलपमेंट और उसके प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी साझा की। डॉ. मुरातकर ने चौड़ सुधार पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया।

इसके बाद प्रतिभागियों को कालागढ़ रेंज स्थित वर्कचार्ज चौड़ और कच्चा प्लाट चौड़ में फील्ड विजिट कराई गई, जहां उन्होंने घास की विभिन्न प्रजातियों, खरपतवारों और उनके प्रबंधन के बारे में व्यवहारिक जानकारी हासिल की।

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कार्यशाला के दूसरे चरण में प्रतिभागियों ने धारा चौड़, कोठिरौ चौड़ और लालढांग चौड़ का भ्रमण किया। इस दौरान उन्हें घास प्रजातियों की पहचान, लैंटाना और अन्य अवांछनीय पौधों को हटाने, तथा उपयोगी घासों के रोपण की तकनीक के बारे में विस्तार से बताया गया।

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कार्यशाला के पहले दिन (10 नवंबर 2025) सर्पदुली और ढिकाला रेंज के स्टाफ को भी ढिकाला चौड़ में ग्रासलैंड डेवलपमेंट और उसके प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया था।

दो दिवसीय प्रशिक्षण में पार्क वार्डन बिंदर पाल, वन क्षेत्राधिकारी भानु प्रकाश हरबोला, नवीन पांडेय, नंदकिशोर रूबाली, इन्द्र सिंह विष्ट, नवीन पपनै, महेश चंद्र जोशी, भारत सिंह रावत, सुनील कुमार समेत कुल 41 अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।