
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक कांड का मुख्य आरोपी खालिद मंगलवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उसकी पूरी कुंडली खंगालने में जुट गई है। खालिद का सरकारी सिस्टम में काम करने का अनुभव ही उसके अपराध में सहायक बना।
सरकारी विभागों में काम कर चुका है खालिद
पुलिस जांच में सामने आया है कि खालिद पहले वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (IIP), देहरादून में डेटा एंट्री ऑपरेटर रह चुका है। इसके अलावा वह लोक निर्माण विभाग (PWD) में संविदा पर जूनियर इंजीनियर भी रह चुका है। पुलिस का मानना है कि सिस्टम का अंदरूनी अनुभव होने के कारण ही उसने पेपर लीक का यह खेल रचा।
बहन सबिया भी आरोपी
मामले में खालिद की बहन सबिया को भी मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। आरोप है कि परीक्षा के दौरान खालिद ने वॉशरूम में जाकर प्रश्नपत्र की तस्वीरें मोबाइल से खींचीं और सबिया को भेजीं। शुरुआती पूछताछ में खालिद ने इसे कबूल भी कर लिया है।
मोबाइल फोन बना सबसे अहम कड़ी
पुलिस के अनुसार गिरफ्तारी से पहले खालिद फरार होकर लखनऊ चला गया था। इसी दौरान उसने अपना मोबाइल फोन हरिद्वार और लखनऊ के बीच फेंक दिया। यही मोबाइल पुलिस के लिए सबसे बड़ी कड़ी है, क्योंकि इसमें चैट, कॉल रिकॉर्ड और प्रश्नपत्र की तस्वीरें मौजूद हो सकती हैं। पुलिस अब मोबाइल की तलाश में जुटी है ताकि इस पूरे गिरोह की असलियत सामने आ सके।
नकल विरोधी अधिनियम 2023 के तहत कार्रवाई
खालिद, उसकी बहन सबिया और अन्य आरोपियों पर उत्तराखंड नकल विरोधी अधिनियम 2023 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बीएनएस की कई धाराएं भी जोड़ी जाएंगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला राज्य की साख और हजारों बेरोजगार युवाओं के भविष्य से जुड़ा है, इसलिए जांच में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
सरकार ने दिए सख्त निर्देश
राज्य सरकार ने पुलिस को जल्द से जल्द जांच पूरी करने और आरोपियों को कोर्ट तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। बेरोजगार युवाओं ने भी मांग की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई उनकी मेहनत और सपनों से खिलवाड़ न कर सके।
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