देहरादून(उत्तराखंड):यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के एक अग्रणी बैंक, ने 5 सितंबर, 2023 से भारतीय रिज़र्व बैंक के तत्वावधान से यूपीआई के साथ भारत के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी की साझाकरण (इंटरऑपरेबिलिटी) की शुरुआत हो चुकी है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक के डिजिटल ई-रुपी को यूपीआई प्लैटफॉर्म के साथ एकीकृत करने में अग्रणी बैंकों में है।अब बैंक के ग्राहक यूनियन बैंक के डिजिटल ई-रुपी वॉलेट के माध्यम से किसी भी व्यापारी के यूपीआई क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और सुरक्षित रूप से किसी भी व्यापारी को अपने यूपीआई लिंक्ड खाते से भुगतान कर सकते हैं।यह व्यापारियों को एकल क्यूआर कोड के माध्यम से यूपीआई और यूनियन बैंक डिजिटल ई-रूपी के माध्यम से भुगतान संग्रहण को सक्षम करेगा, जिससे भुगतान संग्रहण के लिए कई क्यूआर कोड की आवश्यकता नहीं रहेगी।यह सुविधा वर्तमान में पी2एम और पी2पीएम लेनदेन के लिए उपलब्ध है।
बैंक की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सुश्री ए. मणिमेखलै ने बताया कि “यूपीआई प्लैटफॉर्म के साथ सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की इंटरऑपरेबिलिटी भारत के भुगतान तंत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस निर्बाध एकीकरण से ग्राहकों द्वारा डिजिटल मुद्रा अपनाने को बढ़ावा मिलेगा और सीबीडीसी वॉलेट का उपयोग करके लेनदेन की संख्या भी बढ़ेगी।”
सीबीडीसी कार्यक्रम के तहत, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने चिन्हित किए गए 26 केंद्रों में 1.30 लाख से अधिक ग्राहकों और 15,000 व्यापारियों को पंजीकृत किया है।
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