
राबाइका लोहाघाट में वरिष्ठ वर्ग प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ, अद्भुत प्रतिभा से बच्चों ने किया सभी को प्रभावित
चंपावत। राबाइका लोहाघाट का सभागार शनिवार को वैदिक मंत्रों की अनुगूंज से इस तरह गूंज उठा मानो पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया हो। वरिष्ठ वर्ग की संस्कृत प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि गीतांजलि सेवा समिति अध्यक्ष प्रतिनिधि योगेश पाण्डे तथा विशिष्ट अतिथि राजू गड़कोटी, नीरज पंत, सचिन जोशी, कमलेश शक्टा और प्रधानाचार्या नीता लोहनी ने संयुक्त रूप से किया।
शांति–पाठ और सामूहिक वेदपाठ के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ, जिसने वातावरण को पवित्रता और उत्साह से सराबोर कर दिया।
संस्कृत की अनुगूंज में डूबी नवपीढ़ी
श्लोकोच्चारण और अन्य संस्कृत आधारित प्रतियोगिताओं में छात्रों ने केवल सटीक उच्चारण ही नहीं, बल्कि भाव, लय, छंद और अर्थग्रहण की विलक्षण क्षमता का प्रदर्शन कर निर्णायकों को चकित कर दिया।
जिलेभर से आए प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियों से यह साबित किया कि संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ी के लिए ज्ञान, अनुशासन और संस्कृति का मजबूत आधार है।
जनपद संयोजक वेद प्रकाश पंत ने बताया कि पूरा प्रतियोगिता परिसर उत्साह, उमंग और सांस्कृतिक रंगों से पूरे दिन सराबोर रहा। कार्यक्रम का संचालन हरीश कलौनी, पंचदेव पांडे और राजू शंकर जोशी ने किया।
प्रतियोगिता का उद्देश्य—संस्कृत को बनाना जीवन का हिस्सा
निर्णायकों ने छात्रों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य संस्कृत अध्ययन को रोचक बनाना, भाषा के प्रयोग को प्रोत्साहित करना और छात्रों की साहित्यिक क्षमताओं को नई दिशा देना है।
सह संयोजक सामश्रवा आर्य, चारों खंड संयोजक तथा भगवान जोशी ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुरस्कार वितरण में पहुंचे विशिष्ट अतिथि
समापन समारोह में जनप्रतिनिधि मोहित पाठक, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ. बी.सी. जोशी, नरेश राय, जगदीश सिंह अधिकारी सहित अन्य अतिथियों ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अनेक पदाधिकारियों का योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में खंड संयोजक राजू शंकर जोशी, गोपाल दत्त पंतोला, कमल जोशी, भगवान जोशी, प्रकाश चन्द्र उपाध्याय सहित निर्णायक दल—हेम पाण्डेय, हरिहर भट्ट, गोकुलानंद भट्ट, ललित मोहन, नवीन पुनेठा, ओम प्रकाश जोशी, दीपा पाण्डेय, रमेश जोशी, नीरज जोशी, लीला कांडपाल, विद्यासागर लोहनी, नवीन जोशी, दिनेश जोशी, प्रदीप ढेक, भुवन चंद्र पंत आदि ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
जनपद संयोजक वेद प्रकाश पंत ने सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएँ संस्कृत के पुनर्जागरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
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