उत्तराखंडकुमाऊंनैनीतालसमस्या

ग्रामीणों ने कॉर्बेट नेशनल पार्क का ढेला,झिरना गेट बंद कर पर्यटन गतिविधियां की ठप

ख़बर शेयर करें

रामनगर(उत्तराखंड):जंगली जानवरों से इंसानों, फसलों,मवेशियों की सुरक्षा तथा जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा व घायलों को 10 लाख रुपए का मुआवजा व संपूर्ण इलाज की गारंटी आदि मांगों को लेकर ग्रामीणों एवं विभिन्न संगठनों द्वारा ढेला रेंज कार्यालय के समक्ष धरना देकर कार्बेट नेशनल पार्क के ढेला झिरना जोन में पर्यटकों की आवाजाही ठप कर दी गई तथा इस दौरान समस्याओं का समाधान न किए जाने पर आगामी 21 दिसंबर को वन परिसर रामनगर में धरने की घोषणा की।

यह भी पढ़ें 👉  सीएम ने हिंदी फिल्म दी साबरमती रिपोर्ट का अवलोकन किया।

इस दौरान जनता की समस्या सुनने मौके पर पहुंचे तहसीलदार, कोतवाल व उपनिदेशक कॉर्बेट रिजर्व ने जनता को उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया तथा पीसीसीएफ उत्तराखंड से वार्ता कराने का आश्वासन भी दिया।

धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हम पर्यावरण व टाइगर संरक्षण के खिलाफ नहीं है परंतु इंसानों को मार कर टाइगर व जंगली जानवरों को बचाने की नीति को किसी भी शर्त पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि टाइगर और तेंदुए अब विलुप्त प्रजाति नहीं रह गई है। वे जंगलों में ही नहीं बल्कि गांव और शहरों में भी घुसकर लोगों को पर हमले कर रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में 6 हजार से भी अधिक लोग जंगली जानवरों के हमले का शिकार हो चुके हैं। अतः इनको वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में संरक्षित अनुसूची से बाहर किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  पिथौरागढ़ जिले की वासुकीनाग पंपिंग योजना की खराब गुणवत्ता पर उक्त योजना को श्रमदान घोषित कर योजना के पुनरनिर्माण के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश।

वक्ताओं ने कहा कि वन प्रशासन पटरानी के बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। गांव से स्कूल आते-जाते वक्त यदि जंगली जानवर बच्चों पर हमला कर देगा तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. अतः सरकार को बच्चों को स्कूल आने जाने हेतु निशुल्क बस की व्यवस्था करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात का 116वां संस्करण सुना।

वक्ताओं ने कहा कि 9 दिसंबर को ग्रामीणों ने सरकार को समस्याओं के समाधान हेतु 4 दिन का वक्त दिया था परंतु वन प्रशासन एवं सरकार ने जनता की समस्याओं को हल करने की जगह धमकाने का काम किया जिस कारण मजबूर होकर कार्बेट पार्क बंद करने का कार्यक्रम लेना पड़ा। कार्यक्रम संयोजक ललित उप्रेती ने बताया कि 21 दिसंबर को बड़ी संख्या में लोग वन परिसर रामनगर पहुंचेंगे और वहीं पर आगामी कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।