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रामनगर(उत्तराखंड):संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के ग्रामीण भारत बंद के आह्वान पर संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा जंगली जानवरों से इंसानों व फसलों की सुरक्षा, सभी फसलों पर न्यूनतम मूल्य की कानूनी गारंटी, किसानों व खेत मजदूरों का कर्ज माफ किए जाने, मनरेगा में 200 दिन काम की गारंटी व 700 रु दिहाड़ी दिये जाने आदि मांगों को लेकर दो पहिया वाहन रैली का आयोजन किया गया।
दोपहिया वाहन रैली पैठ पड़ाव से प्रारंभ होकर मुख्य बाजार, पीरुमदारा, हाथी डगर, बासीटीला, सेमलखलिया, सांवल्दे, हिम्मतपुर डोटियाल होते हुए कानिया में एक सभा के साथ समापन हुआ।
सभा को संबोधित करते हुए ललित उप्रेती ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा बार्डर पर रोक कर बर्बर दमन किया जा रहा है। दिल्ली में किसानों के रास्तों में कीलें बिछा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ स्वामीनाथन को भारत रत्न का पुरस्कार दे रही है और दूसरी तरफ उनकी सिफारिशें लागू करने के लिए तैयार नहीं है, यह मोदी सरकार का दोहरा चरित्र है।
महेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रामनगर क्षेत्र में ही पिछले 3 महीनों में आधा दर्जन लोगों को टाइगर ने मार दिया है तथा जंगली जानवर खेती किसानी को तबाह बर्बाद कर रहे हैं। इस मामले का समाधान हेतु आगामी रणनीति तैयार करने के लिए 18 फरवरी को ग्राम कानिया में एक उत्तराखंड स्तरीय जन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। क्षेत्र की जनता से अधिक से अधिक संख्या में जन सम्मेलन में भागीदारी करने की अपील है।
इस दौरान उपपा नेता प्रभात ध्यानी, मोहम्मद आसिफ, चिंता राम, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, गोविंद अधिकारी, तारा बेलवाल, राजेंद्र सिंह, ललित मोहन पांडे, संजय मेहता, हीरा सिंह, सूरज, भुवन आर्य, कमल, मुकेश जोशी, मौ राशिद, मौ सफी, मुकुल जोशी, रमेश जोशी समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
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