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उत्तराखण्ड के कौन से जिले में है एशिया के सबसे लम्बे चीड़ महावृक्ष की समाधि जाने।

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उत्तरकाशी- उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय चीड़ महावृक्ष की समाधि 160 किमी दूर है. मोरी-त्यूणी मोटर मार्ग पर स्थित महावृक्ष समाधि स्थल पर्यटकों के लिए हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है।

एशिया के चीड़ महावृक्ष की समाधि का देखे वीडियो।

आपने आज तक कई महापुरुषों और साधु संतों की समाधि के बारे में सुना होगा ।लेकिन वृक्षों की समाधि ये शायद एक खबर है जिसके बारे में शायद ही किसी ने सुना हो। उत्तरकाशी जनपद में ऐसे ही एक चीड़ महावृक्ष की समाधि है। साल 1997 में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने एशिया के 60.65 मीटर ऊंचे चीड़ के पेड़ को महावृक्ष की उपाधि दी थी।उसके बाद साल 2007 के तूफान में यह महावृक्ष टूट गया। उसके बाद वन विभाग ने इस महावृक्ष की टौंस नदी के किनारे समाधि बनाई। आज ये चीड़ महावृक्ष की समाधि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।बता दें टौंस वन प्रभाग पुरोला के अंर्तगत देवता रेंज में मोरी-त्यूणी मोटर मार्ग पर टौंस नदी के किनारे एशिया का सबसे ऊंचा चीड़ का पेड़ था।जिसकी ऊंचाई 60.65 मीटर थी. इसकी उम्र 220 वर्ष बताई गई है।इस महावृक्ष के गिरने के बाद वन विभाग ने पेड़ के तनों के साथ ही इस पेड़ के अलग-अलग हिस्सों से समाधि बनाई।साथ ही वन विभाग की ओर से समाधि के आसपास ईको पार्क का निर्माण भी करवाया गया है।उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय से इस महावृक्ष की समाधि 160 किमी दूर है. मोरी-त्यूणी मोटर मार्ग पर स्थित महावृक्ष समाधि स्थल पर्यटकों के लिए हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है।

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