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दस-दस रुपयों के सिक्कों से भरे थैले लेकर स्कूटी खरीदने एजेंसी पहुँचा युवक फिर क्या हुआ?देखे वीडियो

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उधमसिंह नगर।जिला मुख्यालय रुद्रपुर में इस दिवाली पर एक युवक नयी स्कूटी खरीदने की अपनी माँ और पत्नी की इच्छा को पूरा करने के लिए दस दस रुपयों के सिक्कों से भरे तीन थैलों को लेकर एजेंसी पहुँच गया।सिक्को से भरे थैलों को देख कर पहले एजेंसी स्वामी हैरान हुआ ,उसके बाद उसने दस दस के सिक्कों की 56 हज़ार की रकम को स्वीकार करते हुए युवक को स्कूटी फाइनेंस कर उसे दे दी।वहाँ मौजूद कर्मचारियों ने फोटो और वीडियो बना ली तथा सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया अब यह वीडियो मंज़रेआम पर आने के बाद चर्चा का विषय बनी हुई है।
रुद्रपुर के मोहल्ला शिवनगर निवासी आकाश गुम्बर पुत्र प्रीतम दास गुम्बर कोल्ड्रिंक की एक एजेंसी चलाता है।आकाश की माँ और पत्नी की इच्छा थी कि उनके पास भी एक नई स्कूटी हो।परिवार को स्कूटी की आवश्यकता तो बहुत थी।आकाश और उसकी माँ व पत्नी ने इस इच्छा को पूरा करने के लिए पैसा इकट्ठा करना शुरू किया।आकाश के मुताबिक उसने उसकी माँ और पत्नी ने दस-दस रुपयों के सिक्कों को जोड़ना शुरू किया ताकि कुछ पैसा इकट्ठा हो जाये तो वह वाहन एजेंसी जाकर कुछ पैसा जमा कर बाकी की बची रकम का फाइनेंस करा कर नई स्कूटी निकाल सके।लगन, मेहनत और बचत ने यह अवसर इस दिवाली पर दे दिया।उनके मुताबिक उन्होंने वाहन एजेंसी के मालिक से जाकर पहले बात की और उन्हें बताया कि वह एक स्कूटी लेना चाहते हैं परन्तु कागज़ के नोटों की जगह उनके पास दस दस के 56 सौ सिक्के है जो कि 56 हज़ार की धनराशि होती है।यह सुन कर वाहन एजेंसी के मालिक सोच में पड़ गये फिर लम्बी खामोशी को तोड़ते हुए उन्होंने उस रकम को स्वीकार करने का वादा कर स्कूटी फाइनेंस करने की हामी भर दी।जिसके दूसरे दिन आकाश गुम्बर दस रुपयों के सिक्कों से भरे थैले लेकर वाहन एजेंसी पहुँच गये।

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आकाश ने बताया कि सिक्को के थैलों को देखकर एजेंसी स्वामी ने हैरत भरे अंदाज़ में कहा कि तुम आ गये मेने तो मज़ाक समझा था।बावजूद इसके उस दिन सिक्को की गिनती की गई और कुल रकम 40 हज़ार निकली।एजेंसी में 40 हज़ार रुपयों को जमा करने के बाद अगले दिन दस रुपयों के सिक्कों का थैला लेकर आकाश एजेंसी फिर पहुँचा और फिर सिक्को की गिनती कर्मचारियों ने की जो 16 हज़ार रुपयों की शक्ल में निकल कर सामने आई,तो कुल मिला कर 56 सौ दस-दस के सिक्के हुए जिसकी संख्या 56 हज़ार रुपयों के रूप में निकल कर आई।आकाश ने इन पैसे को देकर बाकी रकम को फाइनेंस करा कर स्कूटी को खुशी खुशी दिवाली के शुभ अवसर पर अपने घर ले आये।

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संजय टीवीएस एजेंसी के विनोद गक्खड़ ने बताया कि यह सिक्के गिनने में कई कर्मचारियों को करीब एक घंटे का समय लगा। इसके बाद स्कूटी फाइनेंस कर दी गई। यह मामला बाजार में चर्चा का विषय बना रहा ।