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प्रियंका गाँधी ने मृतक किसान की अंतिम अरदास में पहुँच कर किसान आन्दोलन के लिए क्या कहा पढ़े।

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रामपुर-बिलासपुर के डिबडिबा गाँव मे काँग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी किसान नवरीत सिंह हुंदल की अंतिम अरदास में शामिल होने पहुँची।नवरीत सिंह हुंदल वही किसान है जो दिल्ली में किसान रैली में शामिल होने गये थे।रैली के दौरान उनका ट्रेक्टर पलटने से उनकी मौत हो गयी थी।

किसान आंदोलन पर क्या बोली प्रियंका गाँधी सुने।

बता दे कि गुरुवार को रामपुर जिले के बिलासपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम डिबडिबा काँग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गाँधी किसान नवरीत सिंह हुंदल की मौत के पश्चात उनकी अंतिम अरदास में शिरकत करने पहुँची थी।डिबडिबा गाँव उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर बसा हुआ है,आज सुबह ही दिल्ली से वो अंतिम अरदास में शामिल होने निकली थी। डिबडिबा पहुंच कर प्रियंका गांधी मृतक किसान नवरीत की अरदास में शामिल हुई उन्होंने माथा टेक कर मृतक नवरीत को श्रद्धांजलि अर्पित की।प्रियंका गांधी ने मृतक नवरीत के परिजनों से मिली और परिजनों को गले लगा कर उनके दुख को बाँटते हुए ढाँढस बँधाया।इस दौरान वो खुद भी बहुत भावुक हो गई। बाद में वो महिलाओ के बीच जाकर बैठ गई। उन्होंने नवरीत के पिता और दादा से बात की कहा कि नवरीत की शहादत व्यर्थ नहीं होगी। बाद मे वो पत्रकारों से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा कि नवरीत की मौत की निष्पक्ष और न्यायिक जांच होनी चाहिये। कांग्रेस पूरी तरह से किसानो के साथ है। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार किसानो के संघर्ष को पहचान नहीं रही है। इस आंदोलन के पीछे कोई नेता नहीं है और न किसी राजनीतिक दल का इसमें हाथ है। यह किसानो का दर्द है,इसे महसूस करना पडेगा। बॉर्डर पर तारबाड़ और किले लगाए जाने के सवाल पर प्रियंका ने कहा कि देश में ऐसा किसी देश की सीमा पर भी नहीं है। किसान कोई आतंक थोड़ी फैला रहा है, सिर्फ अपनी बात सुनाना चाहता है। चर्चा करने की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक दिन सत्ताधारी इंसान का अहंकार इतना बढ़ जाता है,कि वो जनता की बात नहीं सुनता है। उन्होंने आशंका व्यक्त की,कि हो सकता है प्रधानमंत्री के आसपास जो लोग है उन्हें सही जानकारी नहीं दे रहे हो। जिससे वो पूरा मामला समझ नहीं रहे हो। चैनलों को सच्चाई दिखानी चाहिए।नवरीत की अंतिम अरदास में प्रियंका गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री देवी लाल के पोते जयंत चौधरी सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। श्रद्धांजलि सभा में सभी ने मंच से मृतक किसान को शहीद का दर्जा देने की मांग की।