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14 दिसंबर को सड़कों पर उतरेंगे मज़दूर: लेबर कोड्स के खिलाफ रुद्रपुर-हरिद्वार में गरजेगी आवाज़

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रामनगर। मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए नए लेबर कोड्स के विरोध में मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) 14 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने जा रहा है। इसी क्रम में रुद्रपुर और हरिद्वार में होने वाले बड़े विरोध प्रदर्शन को आईएमपीसीएल मोहान कर्मचारी संघ ने खुला समर्थन दिया है।

इंकलाबी मज़दूर केंद्र के महासचिव रोहित रुहेला और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव तथा राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने शनिवार को कर्मचारी संघ के संरक्षक बी.पी. जोशी से मुलाक़ात कर समर्थन जुटाया।मुलाक़ात के बाद फैक्ट्री गेट पर मासा की ओर से मज़दूरों के बीच पर्चे भी वितरित किए गए।

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कर्मचारी नेता बी.पी. जोशी ने कहा कि वे सार्वजनिक क्षेत्र की आयुर्वेदिक दवा फैक्ट्री आईएमपीसीएल मोहान के निजीकरण के प्रयासों का लगातार विरोध करते आए हैं और आगे भी इस “साजिश” को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने केंद्र सरकार के नए लेबर कोड्स को “मज़दूर विरोधी” बताते हुए कड़ा विरोध जताया।

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गौरतलब है कि मासा 14 दिसंबर को अखिल भारतीय मज़दूर अधिकार दिवस के रूप में मना रहा है। इस दौरान देशभर—दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में—चारों नए लेबर कोड्स के खिलाफ व्यापक विरोध दर्ज किया जाएगा।
उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल के रुद्रपुर और गढ़वाल मंडल के हरिद्वार में प्रमुख प्रदर्शन होंगे।

प्रदर्शन के दौरान कई स्थानीय और व्यापक माँगें प्रमुखता से उठाई जाएँगी—

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इंजीनियरिंग उद्योगों के लिए वेज बोर्ड का गठन और न्यूनतम वेतनमान का पुनरीक्षण,प्लाईवुड व होटल इंडस्ट्री में श्रम कानूनों की कड़ाई से पालन,सभी भोजन माताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा तथा सरकार की निजीकरण नीतियों का विरोध।

मज़दूर संगठनों का कहना है कि यह आंदोलन श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और उद्योगों में पारदर्शी श्रम व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।