
लेखपालों की 20 साल की सेवा के बाद भी पदोन्नति न होना चिंता का विषय
रबी पड़ताल से पहले लेखपाल होंगे लैपटॉप से लैस
देहरादून। प्रस्तावित उत्तराखंड अधीनस्थ राजस्व कार्यपालक (राजस्व निरीक्षक) सेवा नियमावली, 2024 को लेकर राज्यभर के राजस्व कर्मियों में असंतोष उभरने लगा है। आयुक्त एवं सचिव रंजना राजगुरु की अध्यक्षता में राजस्व परिषद में हुई बैठक में लेखपाल संघ, पर्वतीय पटवारी संघ और रजिस्ट्रार कानूनगो संघ के प्रतिनिधियों ने नियमावली पर अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराईं।
बैठक के दौरान उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रदेश महामंत्री तारा चन्द्र घिल्डियाल ने कहा कि लेखपाल लंबे समय से पदोन्नति के अवसरों से वंचित हैं। कई-कई कर्मचारी 20 वर्षों की सेवा के बाद भी प्रमोशन नहीं पा सके हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि प्रस्तावित नियमावली लागू हुई तो एकीकरण के चलते पदोन्नति के मौके और कम हो जाएंगे।
घिल्डियाल ने मांग की कि लेखपालों को अधिक पदोन्नति अवसर देने के लिए नायब तहसीलदार पद की सीधी भर्ती को समाप्त किया जाए, ताकि अनुभवी लेखपालों को उच्च पदों पर आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डिजिटल सर्वे और क्रॉप कटिंग (फसल आकलन) जैसे कार्यों में तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिए रबी पड़ताल से पहले सभी लेखपालों को लैपटॉप उपलब्ध कराए जाएंगे। इस प्रस्ताव पर सभी संघों ने सहमति जताई।
बैठक में उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह, जिलाध्यक्ष हरिद्वार देवेश घिल्डियाल, जिलामंत्री देहरादून मेजर सिंह, पर्वतीय पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह मेहता, महामंत्री महिपाल सिंह पुंडीर, रजिस्ट्रार कानूनगो संघ के अध्यक्ष राकेश पल्लव, महामंत्री मनोज कुमार पांडेय, धीरेन्द्र कुमाई सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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